नाहन, 18 अप्रैल : प्रदेश के निर्माता डाॅ. वाईएस परमार की जन्मस्थली चनहालग में रविवार को सड़क पहुंच गई है। प्रदेश निर्माता डाॅ. वाईएस परमार का जन्म जिस जगह हुआ था, वहां आज घर नहीं है। परिवार का पैतृक गांव बागथन के समीप मौजूद है।
पिछले कई सालों से चनहालग में एक भव्य मंदिर के निर्माण का कार्य किया जा रहा था, जो कुछ साल पहले पूरा भी हो गया था। बागथन-लानाबाका-जयहर मार्ग पर बंटीघाट से चनहालग गांव तक सड़क पहले बन चुकी थी, लेकिन एक किलोमीटर निर्माण की कमी की वजह से संपर्क मार्ग निर्माता की जन्मस्थली तक नहीं पहुंच सका था।
बता दें कि इस समय इस स्थान पर मां ज्वाला माता के भव्य मंदिर का निर्माण हो चुका है। अब श्रद्धालुओं को इस मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी। हालांकि सवाल इस बात पर भी उठते रहे हैं कि क्यो प्रदेश निर्माता की जन्मस्थली की तरफ जाने वाली सड़क बदहाल है।
गांव के युवक सौरभ ने बताया कि आज तक भी यही समझा जाता रहा है कि प्रदेश निर्माता का जन्म बागथन के नजदीक हुआ था, लेकिन वास्तव में चनहालग में एक ऐसी जगह पर उनका जन्म हुआ, जहां अन्य घर नहीं थे।
उल्लेखनीय है कि हाल ही के पंचायतीराज चुनाव में प्रदेश निर्माता के पौत्र आनंद परमार ने भी राजनीतिक जीवन शुरू किया है। नारग वार्ड से जिला परिषद का चुनाव जीतने में सफलता हासिल की थी। इससे पहले डाॅ. परमार के बेटे कुश परमार राजनीति में सक्रिय रहे। लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से वो एक्टिव नहीं हैं। जबकि उनके बेटे चेतन परमार ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में जिला परिषद सदस्य आनंद परमार ने बताया कि चनहालग गांव में 1998 के आसपास सड़क पहुंच गई थी, लेकिन वास्तव में जहां जन्म हुआ था, वहां तक सड़क नहीं थी। इस समय उस जगह पर भव्य मंदिर का निर्माण हो चुका है। उन्होंने बताया कि मामूली कार्य पूरा होने के बाद मंदिर तक वाहन जा सकेंगे।