नाहन, 17 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश में डेंटल चिकित्सा (Education) के क्षेत्र में अमूल्य योगदान देने वाले दिवंगत डाॅ. वीके गुप्ता के इकलौते 48 वर्षीय बेटे डाॅ. गौरव गुप्ता का दिल्ली के मैक्स अस्पताल में निधन होने का दुखद समाचार है। डाॅ. वीके गुप्ता का निधन भी करीब 7 माह पहले अगस्त 2020 में हुआ था। हर कोई डाॅ. गौरव गुप्ता के अल्पायु में निधन पर हैरान है।
जानकारी के मुताबिक डाॅ. गौरव की तबीयत पिछले 15 दिन से खराब चल रही थी। लीवर ट्रांसप्लांट होना था, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। हालांकि सीधे तौर पर परिवार से बात नहीं हो पाई है, लेकिन पांवटा साहिब डेंटल काॅलेज के स्टाफ से मिली जानकारी अनुसार डाॅ. गौरव गुप्ता का अंतिम संस्कार पांवटा साहिब में ही किया जा रहा है। दिल्ली से सुबह साढ़े 10 बजे पार्थिव देह को पांवटा साहिब के लिए रवाना किया गया है।
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सुंदरनगर में 1993 में डेंटल काॅलेज की शुरूआत करने वाले दिवंगत डाॅ. वीके गुप्ता का निधन 83 साल की उम्र में हुआ था। 2003 में पांवटा साहिब में दूसरे डेंटल काॅलेज की स्थापना की थी। इसके अलावा हरियाणा के यमुनानगर में भी एक डेंटल काॅलेज है। वैसे तो परिवार मूलतः यमुनानगर का ही रहने वाला है, लेकिन डेंटल चिकित्सा की एजुकेशन में हिमाचल में ही अहम भूमिका निभाई। राज्य की शायद ही ऐसी कोई बड़ी राजनीतिक शख्सियत रही हो, जो पांवटा साहिब डेंटल काॅलेज न आई हो।
गौरतलब है कि हिमाचल से डेंटल कांउसिल ऑफ़ इंडिया की सदस्यता पहली बार दिवंगत डाॅ. वीके गुप्ता को मिली थी। डाॅ. गौरव गुप्ता भी अपने पिता के ही कदमों पर आगे चल रहे थे, लेकिन पिता की कमी के चलते चंद महीनों में ही उन्होंने भी संसार को अलविदा कह दिया। बता दें कि आज भी लोगों को पांवटा साहिब डेंटल काॅलेज में बेहद ही रियायती दरों पर दंत चिकित्सा उपलब्ध होती है।
डाॅ. वीके गुप्ता का ये सपना था कि गरीबों को निशुल्क ही दंत चिकित्सा दी जानी चाहिए। साल 2003 में डाॅ. पूर्ण चंद मेडिकल चैरीटेबल ट्रस्ट द्वारा 100 बिस्तरों का अस्पताल भी चैरिटी के मकसद से शुरू किया गया था। हिमाचल इंस्टीच्यूट ऑफ़ डेंटल साईंसिस एकमात्र ऐसा अस्पताल है, जिसे बीडीएस के लिए 100 सीटें मिली हुई है। इसके अलावा एमडीएस की शिक्षा भी दी जाती है।
उधर एक अन्य जानकारी के मुताबिक डाॅ. गौरव गुप्ता के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा काॅलेज की शिक्षा ग्रहण कर रहा है। चूंकि परिवार की जडें पांवटा साहिब में हैं, यही कारण है कि उनका अंतिम संस्कार भी शनिवार शाम तक पांवटा साहिब में ही किया जाएगा।