नाहन, 16 अप्रैल : हिमाचल पुलिस की शानदार शूटिंग रेंज जुड्डा का जोहड़ को संवारने की कवायद शुरू हुई है। इसको लेकर शुक्रवार से रेंज में एक सर्वे शुरू हुआ है। इसके बाद मास्टर प्लान बनाने की योजना है। लाजमी तौर पर आपके जहन में एक सवाल यह उठेगा कि इस रेंज में क्या खास बात है।
दरअसल, लोक निर्माण विभाग के करीब 34 बीघा के भू खंड को कुछ साल पहले पुलिस महकमे के नाम हस्तांतरित कर दिया गया था। इस रेंज की खूबसूरती ये भी है कि साल के जंगल के बीच खूबसूरत व्यू भी है। साथ ही निशानेबाजी के लिए मौसम भी अनुकूल रहता है। पुलिस विभाग ने कुछ समय पहले बीएसएनएल को सर्वे करने को लेकर आग्रह किया था, ताकि अगले चरण में मास्टर प्लान बनाकर सरकार को सौंपा जा सके।
इस सर्वेक्षण के माध्यम से इस रेंज को राष्ट्रीय स्तर की बनाने की कोशिश है, ताकि राष्ट्रीय स्तरीय निशानेबाजी की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जा सके। गौरतलब है कि पड़ोसी राज्य हरियाणा, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के पुलिस जवान भी इस रेंज में प्रैक्टिस के लिए आते हैं। एमबीएम न्यूज नेटवर्क को मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस इस रेंज से आम पब्लिक को भी जोड़ना चाहती है। उदाहरण के तौर पर कोई शहरवासी अपने बच्चों को निशानेबाजी के टिप्स दिलवाना चाहता है तो सुविधा उपलब्ध रहेगी।
दीगर ये भी है कि ये रेंज न केवल शाॅर्ट बल्कि लाॅन्ग दूरी की निशानेबाजी के लिए भी उपयुक्त है। मास्टर प्लान में चरणबद्ध तरीके से इस रेंज में वो तमाम सुविधाएं जुटाने की कोशिश होगी, जो अमूमन नेशनल शूटिंग रेंज में मिलती हैं। बताते हैं कि सर्वेक्षण पूरा होने के बाद मास्टर प्लान के जरिए सरकार से बजट उपलब्ध करवाने का भी आग्रह किया जाएगा। नेशनल स्तर की रेंज विकसित होने में कुछ साल तो लग सकते हैं, यदि राजनीतिक दृढ़शक्ति हुई तो एक साल से भी कम वक्त में इसे विकसित किया जा सकता है।
हिमाचल पुलिस की ये एकमात्र शूटिंग रेंज इस कारण भी है कि ऐसी भौगोलिक परिस्थिति के अलावा भू खंड किसी अन्य स्थान पर उपलब्ध नहीं है। उधर, एमबीएम न्यूज से बातचीत में सिरमौर के पुलिस अधीक्षक खुशहाल चंद शर्मा ने कहा कि रेंज का सर्वेक्षण शुरू हुआ है। चरणबद्ध तरीके से विकसित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि आम लोगों के लिए भी इस रेंज को उपलब्ध करवाने पर सैद्धांतिक मंजूरी है। इस रेंज को केवल पुलिस तक ही सीमित नहीं रखा जाएगा।