रोनहाट, 16 अप्रैल : हिमाचल और उत्तराखंड की अंतरराज्य सीमा मीनस में एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है। यहां हिमाचल प्रदेश की जमीन पर उत्तराखंड राज्य का पीडब्लूडी महकमा निर्माण कार्य करवा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 10 लाख रुपए खर्च करके उत्तराखंड पीडब्लूडी विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश की सड़क में सुरक्षा दीवारों और पैरापिट का निर्माण करवाया गया है।
जानकारों की मानें तो उत्तराखंड राज्य बनने से पहले जब ये राज्य उत्तर प्रदेश का हिस्सा था। तब उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर और हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा अंतरराज्यीय सीमा में टोंस नदी पर बने मीनस पुल का संयुक्त रूप से लोकार्पण किया था। पुल के एक छोर पर वीर बहादुर और दूसरे छोर पर वीरभद्र सिंह की लोकार्पण पट्टिका लगाई गई थी। जिसके बाद ये स्पष्ट हो गया था कि टौंस नदी के एक किनारे उत्तराखंड राज्य जबकि दूसरे किनारे से हिमाचल प्रदेश की सीमा आरंभ होती है।
हालांकि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड द्वारा ऐसा अंतरराज्यीय सीमा विवाद की वजह से किया गया है या कारण कुछ और है फिलहाल ये स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन इस वाक्य से हिमाचल प्रदेश लोकनिर्माण विभाग के साथ स्थानीय प्रशासन के मुस्तेदी की पोल जरूर खुलती नजर आ रही है।
उत्तराखंड राज्य के पीडब्ल्यूडी मंडल शईया के अधिशासी अभियंता धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उत्तराखंड पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा टोंस नदी के उस पार तक निर्माण कार्य करवाया गया है। जिसको लेकर हिमाचल पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा कभी कोई विरोध नहीं जताया गया है।
उधर, लोक निर्माण मंडल शिलाई के अधिशासी अभियंता प्रमोद उप्रेती ने बताया कि अंतरराज्यीय सीमा से करीब 14 मीटर दूर हिमाचल प्रदेश की जमीन में उत्तराखंड पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा कुछ निर्माण कार्य करवाए गए है। ऐसा क्यों किया गया इसकी जांच हो रही है।