शिमला, 14 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश में बादलों के न बरसने और गर्मी का प्रकोप तेज़ होने की वजह से जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ गई हैं। अप्रैल महीने में वनों में आगजनी के अनेक मामलों से करोड़ों रुपयों की वन संपदा राख हुई है। वन विभाग ने आगजनी के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए फील्ड स्टाफ को अलर्ट कर रखा है।
हालांकि वन विभाग के लिए आग बुझाना चुनौतीपूर्ण कार्य बन गया है। राजधानी शिमला के तारादेवी जंगल पिछले कल से सुलग रहा है। आग की घटनाओं को कम करने के सरकारी दावे खोखले साबित हुए हैं।
अप्रैल के दो हफ्तों के भीतर आग से सूबे के 3,500 हेक्टेयर से ज्यादा वन्य क्षेत्र प्रभावित हो चुका है। कई जिलों में जंगल अभी भी आग से सुलग रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पहली अप्रैल 2021 से अब तक लगभग 3,500 हेक्टेयर वन भूमि आग की चपेट में आई है। इस दौरान पूरे राज्य में वनों में आग लगने की 340 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इनमें सबसे अधिक 73 घटनाएं मंडी वन सर्कल में घटी हैं। मंडी सर्कल में 1034.90 हेक्टेयर वन भूमि, शिमला सर्कल में 345 हेक्टेयर वन भूमि, धर्मशाला सर्कल में 271 हेक्टेयर वन भूमि प्रभावित हुई है।
इस बीच आग लगने की इन घटनाओं को लेकर पुलिस ने राज्य भर में 90 मामले दर्ज किए हैं। शिमला सर्कल में 29, मंडी में 18, हमीरपुर में 15, धर्मशाला में 8, सोलन में 7, बिलासपुर में 5, रामपुर सर्कल में 4 और चम्बा व धर्मशाला सर्कल में एक-एक एफआईआर दर्ज की है।