नाहन, 13 अप्रैल : मंगलवार देर शाम कारमल काॅन्वेंट स्कूल की उतराई में फिर एक ट्रक ने संतुलन खो दिया। गनीमत इस बात की है कि ट्रक सड़क किनारे नाली में धंस गया। शुक्र इस बात का भी है कि हादसे के वक्त उस दिशा मे कोई व्यक्ति या वाहन नहीं था। संकीर्ण सड़क पर हर समय हादसों का भय बना रहता है।
चंद सप्ताह पहले लोक निर्माण विभाग के हाईवे विंग ने कारमल स्कूल के समीप इंटरलाॅक टाइलें भी बिछाई हैं। इस कारण भी दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ रही है। चूंकि ट्रक के संतुलन खोने के बाद किसी भी तरह से ट्रैफिक बाधित नहीं हुआ, लिहाजा मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा। अलबत्ता अपने स्तर पर ही ट्रक के चालक व परिचालक द्वारा इसे क्रेन के जरिए बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है।
कमाल की बात यह भी है कि प्रशासन की नींद अब भी नहीं टूट रही। बजरी से लदा ये ट्रक भी शहर के चैगान मैदान से होता हुआ उतराई में जा रहा था। लंबे अरसे से वही सवाल जस का तस है कि हैवी वाहनों को शहर से गुजरने के लिए समय सीमा क्यों निर्धारित नहीं होती। चंद महीनों के भीतर आईटीआई से बिरोजा फैक्टरी के बीच दो व्यक्तियों के अनमोल जीवन खोए जा चुके हैं।
कारमल काॅन्वेंट स्कूल की उतराई में लोडिड ट्रकों के अंसतुलित होने का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। उपायुक्त के स्तर पर ही वाहनों के गुजरने की समय सीमा को लेकर अधिसूचना जारी हो सकती है।
प्रश्न इस बात पर भी पैदा होता है कि डीसी द्वारा कैबिनेट मंत्री सुखराम चौधरी के आदेश पर पांवटा साहिब में माईनिंग के ट्रालों के चलने की समय सीमा को लेकर चंद घंटों में ही अधिसूचना जारी की जा सकती है तो सिरमौर मुख्यालय में आम लोगों की सुरक्षा को लेकर ट्रैफिक प्लान क्यों नहीं बनाया जा रहा। हैरान कर देने वाली बात यह भी है कि ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर प्रशासन के पास बैठक बुलाकर रणनीति तय करने का ही समय नहीं है।