ऊना, 10 अप्रैल : हिमाचल में 22 साल की काॅलेज छात्रा के मर्डर की सनसनीखेज वारदात की जांच में पुलिस हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है। जानकारों की मानें तो पुलिस ने इस जघन्य हत्याकांड की जांच को हरेक पहलू से पूरा कर लिया है। साथ ही ठोस सबूत भी जुटा लिए हैं।, लेकिन पुलिस इस बात को बखूबी समझती है कि अगर मामूली सी भी चूक हुई तो इलाके का माहौल बिगड़ सकता है। पुलिस की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए हैं।
आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि आश्रम में सेवादार बनकर रह रहे आरोपी विकास दूबे को रत्ती भर भी डर नहीं था। माना जा रहा है कि मीडिया से जानकारी को सांझा करने में परहेज किया जा रहा है, ताकि क्षेत्र का माहौल शांत रहे। उधर, आरोपी विकास दूबे को आज अदालत से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
3 अप्रैल को आश्रम के सेवादार विकास दूबे ने 22 साल की युवती को सिर पर वार कर मौत के घाट उतार दिया था। हिम्मत इतनी थी कि बोरी में शव को डालकर आश्रम के पीछे ही दबा दिया था। शव को कमरे में रखने के दौरान बोरी पर कपड़े व पत्तों को डाल दिया गया था, ताकि किसी को कमरे में शव होने का शक न हो। इसके उपरांत सेवादार ने कमरे में खून के धब्बों को पानी से धोने की बजाय सीमेंट से साफ किया था।
शव को कमरे में बंद करने के उपरांत आरोपी ने अपने कपड़ों को भी धोने की बजाय पानी से निकालकर सुखा लिया था। इसके बाद वो सोने चला गया था। अगली सुबह वो रेहड़ी की मदद से शव को ठिकाने लगाने ले गया था। शव को आश्रम के पीछे ले जाते समय रेहड़ी रास्ते में एक बार पलट भी गई थी। इससे शव नीचे भी गिर गया था। इस दौरान शातिर ने शव के साथ लकड़ियां भी रखी हुई थी, ताकि किसी को ये पता न चले कि रेहड़ी में शव है। शव के नीचे गिरने के बाद आरोपी ने तुरंत ही इसे वापस रख दिया था। पेड़ के नीचे दबाने के बाद इस पर मिट्टी भी फैंकी।
उधर, अंब की डीएसपी सृष्टि पांडे ने कहा कि मामला ग्रामीणों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है, ऐसे में कुछ ज्यादा नहीं कहा जा सकता। पुलिस अपना काम कर रही है। तीन दिन का पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद आरोपी विकास दूबे को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बहरहाल, काफी हद तक ये तय है कि पुलिस ने युवती की हत्या के रहस्य को बारीकी से खंगाल लिया है। अन्यथा, पुलिस आरोपी को दोबारा रिमांड पर लेकर बाकी के फैक्टस को एकत्रित करती।
बता दे कि जमीन में दफन युवती की लाश मिलने के बाद पूरे गांव में तनाव पैदा हो गया था। यहां तक की ग्रामीणों ने उस कमरे की खिड़कियों को भी तोड़ दिया था, जिसमें आरोपी विकास दूबे को रखा गया था।