नाहन, 10 अप्रैल : शिलाई उपमंडल के कांडों भटनोल पंचायत के बांदली गांव में एक अंडर ट्रायल कैदी को पेशी के दौरान घर ले जाने की घटना में एसपी केसी शर्मा ने जांच के आदेश दिए हैं। डीएसपी पांवटा साहिब वीर बहादुर को जांच के आदेश दिए गए हैं। 2 जून 2020 को गांव में जमीनी विवाद के चलते एक व्यक्ति का कत्ल कर दिया गया था।
इस वारदात में 8 लोगों को नामजद किया गया था। इसमें एक नाबालिग भी शामिल था। वारदात में तीन लोगों को जमानत मिली हुई है। पीड़ित परिवार ने शनिवार को कैदी को घर ले जाने की घटना को लेकर एसपी से मुलाकात की। साथ ही उन्हें एक वीडियो भी दिखाया, जिसमें मौके पर पुलिसकर्मी अंडर ट्रायल कैदी के घर पर उसे वापस लाने की तैयारी कर रहे हैं।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि अंडर ट्रायल कैदी को उसके पैतृक घर में एक से डेढ़ घंटे बिताने का मौका दिया गया। यह घटना शुक्रवार की है। इसके अलावा गाड़ी में भी कैदी का सामान पुलिसकर्मी ही रखते नजर आए थे। पीड़ित परिवार ने एसपी से उचित जांच की मांग की है। बांदली गांव के रहने वाले अरुण कुमार ने एसपी को सौंपी शिकायत में कहा कि परिवार को इस बात का भी डर है कि कहीं उनके खिलाफ कोई साजिश रची जा रही हो। घर पर महिलाएं अकेली होती हैं।
उधर सिरमौर के पुलिस अधीक्षक केसी शर्मा ने एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क से बातचीत में शिकायत मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इस बात की गहनता से जांच की जाएगी कि क्या वास्तव में कैदियों को इधर से उधर ले जाने के मामलों में ढिलाई बरती जाती है या नहीं। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी मामले में भी फैक्ट फाइंडिंग जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि शिलाई के मामले को लेकर पांवटा साहिब के डीएसपी को जांच सौंपी गई है।
हालांकि इस मामले में असल तथ्य जांच के बाद ही सामने आएंगे, लेकिन इतना जरूर है कि आईजीएमसी से हत्या के आरोपी के सनसनीखेज फरारी से भी पुलिसकर्मी सबक नहीं ले रहे हैं। बहरहाल शिलाई के घटनाक्रम में भी सबसे पहले पुलिस इसी बात का पता लगाएगी क्या कैदी अंडर ट्रायल के अधीन है। घर जाने के लिए अदालत से कोई अनुमति तो नहीं ली हुई थी।