घुमारवीं, 10 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश में आत्महत्याओं के मामलों में बढ़ोतरी हर किसी को चिंता में डाल देता है। अगर बिलासपुर जिला की ग्राम पंचायत डंगार के मनोज शर्मा की आपबीती सुनेंगे तो जीने की ललक तो पैदा होगी ही साथ ही मनोज की दास्तां जानकर आपकी आंखें भी नम हो जाएंगी।
चंद बरस पहले एक सड़क हादसे के बारे में सोच कर मनोज आज भी सहम उठता है। मनोज के मन में आत्महत्या का विचार आया लेकिन मनोज ने ऐसा खौफनाक कदम नहीं उठाया। क्योंकि ऐसी करतूत कायर करते है। निश्चित तौर पर आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर मनोज शर्मा के साथ ऐसा हुआ क्या है। दरअसल चंद बरस पहले वह अपने पिता की दुकान के लिए सुबह 9 बजे के आस-पास घर से निकला था। कुछ ही दूरी पर एक वाहन ने मनोज को टक्कर मार दी।
भीषण टक्कर के बाद गाड़ी चालक तो मौके से भाग निकला, मगर मनोज के जीवन में भूचाल आ गया। करीब 6 महीने तक पीजीआई में कोमा में रहकर जिंदगी व मौत के बीच संघर्ष करता रहा, जीने की प्रबल ललक थी,इसी कारण मौत को मात दे दी। लिहाजा चलने फिरने लायक हो गया। अब दिहाड़ी कर खुद को स्वावलंबी बनाया है, लेकिन कहीं न कहीं उसके मन में एक बात कचोटती रहती है। मनोज का कहना है कि वह सड़क पर रेंगता रहा काफी देर तक कोई मदद नहीं मिली। अचानक ही एक व्यक्ति ने उसे अस्पताल पहुंचाने में मदद की।
पुलिस में रिपोर्ट नहीं हुई क्योंकि गुरबत में जीवन यापन करने वाले परिवार को आगे की कार्रवाई का ठीक से ज्ञान नहीं था। साथ ही कोई भी गवाही को तैयार नहीं था। जैसे-तैसे गरीब परिवार ने लाखों रुपए जुटाकर मनोज को मौत के मुंह से निकाल लिया। मनोज के मुताबिक उसे कई बार लगता था जिंदगी बेकार व अपाहिज हो गई है, तो जहर खाकर जान दे देनी चाहिए लेकिन मन में यह विचार बार-बार आता था कि आत्महत्या जैसे कदम कायर उठाते हैं।
याददाश्त का खेल देखिए, आज भी मनोज को उस व्यक्ति की शक्ल व गाड़ी का नंबर याद है। जिसने उसके जीवन में अंधेरा फैला दिया। मौके पर कोई गवाही देने को तैयार नहीं था। यह भी एक बड़ी वजह थी कि पुलिस में केस दर्ज नहीं हुआ था। मनोज आज भी इस उम्मीद में जीवन यापन कर रहा है कि एक दिन जिंदगी बदलेगी और शायद उसे कोई मुआवजा दिलवाने वाला भी सामने आएगा।
एमबीएम न्यूज से बातचीत में मनोज शर्मा का कहना था कि उसने इस उम्मीद को भी नहीं छोड़ा है कि जिस शख्स ने उसे अपाहिज जैसी जिंदगी जीने पर विवश कर दिया है, शायद उसी का दिल पसीज जाएगा और वह उसके पास अवश्य आकर न केवल मदद करेगा बल्कि उसकी आर्थिक स्थिति को भी सहारा देगा।