नाहन, 8 अप्रैल: आखिरकार आईजीएमसी से फरार अंडर ट्रायल कैदी गुरविंदर को सिरमौर पुलिस ने पंजाब में उसके ठिकाने से दबोचने में सफलता अर्जित की है। फरारी के बाद से ही पुलिस चैन से नहीं बैठी हुई थी। सूत्रों के मुताबिक बेहद ही शातिर व खतरनाक अपराधी गुरविंदर द्वारा किसी भी तरीके से मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था। यही कारण था कि उसके गिरेबान तक पहुंचने में पुलिस को मुश्किल हो रही थी। अचानक ही पुलिस ने पुराने जमाने की पद्धति का इस्तेमाल करना शुरू किया, जिस समय अपराधियों को पकड़ने के लिए खुफिया नेटवर्क की मदद ली जाती थी।
जानकारी के मुताबिक नालागढ़ में एक निजी स्कूल के प्रधानाचार्य के हत्या की साजिश में शामिल गुरविंदर बेहद ही चौकसी से अपने ठिकानों को बदल रहा था, साथ ही चंद रोज में सुरक्षित ठिकाने की तरफ भागने की तैयारी में भी था। मगर पंजाब पुलिस की मदद से वो हत्थे चढ़ गया। बता दें कि कैदी की फरारी के मामले में दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था। यह अलग बात है कि निलंबित पुलिसकर्मी भी उसकी तलाश में दिन-रात जुटे हुए थे। पुलिस सूत्रों की माने तो पंजाब में गुरविंदर को दबोचना पुलिस टीम के लिए भी काफी रिस्की था,बावजूद इसके टीम ने सफलता अर्जित की है।
वीरवार शाम अंडर ट्रायल कैदी की गिरफ्तारी के लिए गठित विशेष टीम उसे लेकर वापस पहुंच गई है। उधर एमबीएम न्यूज से बातचीत में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बबीता राणा ने पुष्टि करते हुए कहा कि शिमला पुलिस को भी गिरफ्तारी के बारे में सूचित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि दिनदहाड़े आईजीएमसी से फरार होने के बाद वह पंजाब की तरफ चला गया था, लेकिन अपने घर नहीं पहुंचा था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने गिरफ्तारी में पंजाब पुलिस का मदद करने पर आभार प्रकट किया है। दीगर है कि अंडर ट्रायल कैदी फरारी तीन अप्रैल को हुई थी।