ऊना,8 अप्रैल: उपमंडल गगरेट के जाडला कोइडी में आश्रम के सेवादार द्वारा युवती हत्या मामले में पुलिस अधिकारियों व भारी पुलिस बल की मौजूदगी में वीरवार को युवती का शव टांडा से पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए उसके पैतृक गांव लाया गया। युवती की हत्या के बाद बुधवार को उग्र हुई भीड़ द्वारा हंगामा करने के मामले के बाद प्रशासन ने उपद्रव जैसी स्थिति से निपटने के सुरक्षा व्यवस्था को लेकर व्यापक प्रबंध किए गए थे।
ग्रामीणों की भावनाएं फिर से भड़क न जाए, इसके लिए प्रशासन की तरफ से एसडीएम गगरेट विनय मोदी व नायब तहसीलदार कलोह व एसएचओ दर्शन सिंह मौके पर स्थिति का जायज़ा लेते रहे, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना होने से पहले ही उसे रोका जाए। युवती का अंतिम संस्कार उसके गांव जाडला कोइडी के श्मशान घाट में कर दिया गया।
युवती के अंतिम संस्कार में गगरेट के विधायक राजेश ठाकुर व पूर्व विधायक राकेश कालिया, भाजपा नेता सुशील कालिया, युवा कांग्रेस गगरेट के अध्यक्ष अमन ठाकुर सहित क्षेत्र के अनेक नेता व ग्रामीण शामिल हुए और परिवार को ढांढस बंधाया।
“विद्या गिरी जी महाराज” के नाम से फेसबुक पेज चलाने वाले आरोपी ने कॉलेज छात्रा की लाश को बैग में डालकर दबा दिया था। इसका खुलासा होते ही पुरे गांव में आक्रोश पैदा हो गया था।
फोरेंसिक जांच में खुलासा
बता दें कि 3 अप्रैल की दोपहर आरोपी ने एक 22 वर्षीय एमकॉम की छात्रा का कत्ल कर दिया था। इस मामले में धर्मशाला से आई फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल का दौरा कर मोके से साक्ष्य जुटाए हैं। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि युवती के सिर पर लोहे की छड़ से दो बार हुए है और गला भी रेता गया है।
मकसद ने नहीं हुआ साफ़
युवती का कत्ल सेवादार द्वारा क्यों किया गया, इसकी जांच चल रही है। डीएसपी अम्ब सृष्टि पांडे ने बताया कि धार्मिक संस्थान के सेवादार द्वारा युवती की हत्या के मामले में पुलिस हर पहलू को जांच रही है। मंदिर से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है, ऐसे में पुलिस किसी भी तरह की कोई चूक नही करना चाहता, कत्ल क्यों किया इसकी जांच अभी चल रही है।
3 दिन का मिला पुलिस रिमांड
हत्या को अंजाम देने वाले आरोपी सेवादार को वीरवार को अदालत में कड़ी सुरक्षा के साथ पेश किया गया। अदालत ने आरोपी सेवादार को 3 दिन का पुलिस रिमांड भेजा है। पुलिस ने अदालत में पेश करने के लिए आरोपी के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी, ताकि बुधवार जाडला कोइडी जैसे हालात न बने और उग्र भीड़ आरोपित पर फिर से हमला करने का प्रयास न करे।