शिमला, 07 अप्रैल : हिमाचल हाईकोर्ट ने शिमला में एक नाबालिग छात्रा का अपहरण करने के आरोपी मुस्लिम युवक को जमानत देने से इंकार कर दिया। हाईकोर्ट ने आरोपी को तत्काल आत्मसमर्पण कर जांच अधिकारी व पुलिस के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर की सिंगल बेंच ने आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किए हैं।
आरोपी ने उसके विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामले में अदालत से अग्रिम जमानत की गुहार लगाई थी। मामले के अनुसार आरोपी ने नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली 15 साल की युवती का अपहरण किया था। आरोपी इस हिन्दू लड़की को अपहृत कर उत्तर प्रदेश के एक दुर्गम गांव ले गया था। पीड़िता के परिजनों की तरफ से दर्ज शिकायत में कहा गया था कि उनकी लड़की घर से स्कूल गई थी, लेकिन घर वापिस नहीं लौटी।
परिजनों ने पुलिस को ये भी बताया कि उस दिन स्कूल में अवकाश था। पुलिस जांच में लापता नाबालिग युवती की लोकेशन हरियाणा में पाई गई। इससे पुलिस का शक गहराया। पुलिस ने दोनों के मोबाइल नम्बर सर्विलांस पर रखे, जिसमें खुलासा हुआ कि दोनों के बीच लगातार फोन पर बात हुई है। गत वर्ष 31 दिसम्बर 2020 से 5 मार्च 2021 को आरोपी ने पीड़िता से 850 बार मोबाइल पर बात की। जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी की मन्सा पीड़िता को दुबई ले जाने की थी।
इस मामले में आरोपी मोहम्मद नाजिम के विरुद्ध पुलिस ने आईपीसी की धाराओं 363, 366ए, 370 और 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में पुलिस द्वारा 5 मार्च 2021 को स्टेटस रिपोर्ट दायर की गई।
हाईकोर्ट के डिप्टी एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि आरोपी उस गैंग का हिस्सा है, जो कि लड़कियों को विदेश में वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेलने का काम करती है।