धर्मशाला /शिमला ,7 अप्रैल: भले ही सरकार महिला शिक्षा (Women Education) के उत्थान में अहम भूमिका निभाने वाली देश की प्रथम शिक्षिका “सावित्री बाई फुले” को सम्मान के उद्देश्य से उनके नाम पर महिला परीक्षा केन्द्र बना रही है। ये कवायद पिछले साल से शुरू की गई है। पर परीक्षा केन्द्रों के नामकरण को हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारी महज औपचारिकता ही समझते हैं।
हि.प्र.स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा अप्रैल/मई माह में संचालित की जा रही मैट्रिक तथा दस जमा दो की बोर्ड (Board) की वार्षिक परीक्षाओं (Exams) के लिए जारी की गई 52 “सावित्री बाई फुले” परीक्षा केन्द्रों की सूची इसका स्पष्ट प्रमाण है, जिसमें लड़कियों के स्कूलों की बजाय ब्वायज (Boys) तथा को-एजूकेशन वाले स्कूलों को ही “सावित्री बाई फुले” महिला परीक्षा केन्द्र बना दिया गया है। हैरानी की बात तो यह है कि गत वर्ष उक्त स्कूलों को ही “सावित्री बाई फुले” महिला परीक्षा केन्द्र बनाया गया था।
हालांकि,महिलाओं की शिक्षा को प्रोत्साहित करने की सूत्रधार रहीं महान समाज सेविका “सावित्री बाई फुले” को सही मायने में सम्मान देने के लिए जरूरी है कि केवल गर्ल्स स्कूलों को ही उनके नाम पर परीक्षा केन्द्र नामित किया जाए। चूंकि, प्रदेश की राजधानी शिमला, जिला मुख्यालयों, उप मण्डलों,तहसीलों, शहरों/कस्बों में प्रदेश सरकार ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत ब्वायज स्कूलों के साथ-साथ गर्ल्स स्कूलों की भी स्थापना कर रखी है।
वर्तमान में पूरे प्रदेश में 80 के करीब गर्ल्ज स्कूल हैं, पर बोर्ड के अधिकारी लकीर के फकीर बने हुए हैं और वे सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को सही रूप में क्रियान्वित करने के लिए गंभीर नहीं हैं। “सावित्री बाई फुले” के नाम बनाए गए महिला परीक्षा केन्द्रों के संचालन की पूरी जिम्मेदारी महिला शिक्षकों और कर्मचारियों पर रहेगी। इन केंद्रों में अधीक्षक एवं उप अधीक्षक भी महिला शिक्षकों को ही लगाया जाएगा। केवल महिला शिक्षक एवं कर्मचारी पूरे नहीं होने की स्थिति में ही यहां पुरुष शिक्षकों तथा कर्मचारियों की तैनाती की जा सकेगी।
“सावित्री बाई फुले” के नाम पर ब्वायज एवं को-एजुकेशन वाले स्कूलों को महिला परीक्षा केन्द्र बनाना शिक्षा बोर्ड के आला अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है,क्योंकि इन परीक्षा केन्द्रों पर केवल महिला शिक्षकों एवं कर्मचारियों की ही ड्यूटी लगाई जाएगी। ऐसे में सवाल उठता है कि नकल रोकने के लिए वे लड़कों के पास से नकल सामग्री कैसे निकलवाएंगी ? और उनकी तलाशी कैसे लेंगी ?
उधर, जब इस बारे में हि.प्र. स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी से बात नहीं हो पाई है। एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क के पास बोर्ड द्वारा जारी की गई अधिसूचना उपलब्ध है।
महज तीन गर्ल्स स्कूल ही बनाए महिला परीक्षा केन्द्र
हि.प्र.स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी की गई 52 “सावित्री बाई फुले” महिला परीक्षा केन्द्रों की सूची में केवल तीन स्कूल-आर्य कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शिमला, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला निहालगढ़ (सिरमौर) तथा राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नालागढ़ (सोलन) को ही नामित किया गया हैं।
हैरानी की बात है कि ऊना जिले के जिन पांच स्कूलों को “सावित्री बाई फुले” महिला परीक्षा केन्द्र के रूप में स्थापित किया गया है, उनमें किसी भी गर्ल्स स्कूल को शामिल नहीं किया गया हैं। हालांकि, ऊना जिला मुख्यालय तथा संतोषगढ़ समेत कई गर्ल्स स्कूल मौजूद हैं।