सोलन, 3 मार्च : युवाओं में ड्रग्स के दुष्प्रभाव के प्रति जागरुकता फैलाने की दिशा में चंडीगढ़ से साइकिल की रैली शनिवार दोपहर सोलन पहुंची। रैली लगभग 130 किलोमीटर की दूरी तय कर फागू पहुंचेगी, जहां उनका स्वागत ठियोग पैल्डस साइकलिस्ट करेंगे। आयोजक विक्रांत शर्मा और सुदीप रावत ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य युवाओं में फिटनैस का पैगाम फैलाकर ड्रग्स से दूरी बनाए रखना का है।
विक्रांत शर्मा ने बताया कि साइकिल वाॅक्स द्वारा आयोजित इस रैली में कुल 21 साइकलिस्ट भाग ले रहे हैं, जिसमें से अधिकतर ने लाॅकडाउन के दौरान ही साइकिल को अपना शौक बनाया था। इन युवाओं में इस शौक को पैशन बनाने में देर नहीं लगी और आज आलम यह है कि यह सभी एक नेक मिशन के लिए चंडीगढ़ से लगभग 8000 फीट स्थित फागू तक पार करने के लिए आतुर हैं। इस रैली में दो महिलाओं सहित सबसे छोटा रैलिस्ट 11 वर्षीय तन्मय भी है।
सुदीप रावत ने बताया कि ठियोग पैडल्स के सदस्यों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में नशाखोरी युवाओं में एक विकराल रूप धारण कर रही है, जिसके लिए सरकार के साथ-साथ स्वयं युवाओं को युवाओं के लिए ही जागृत करने की आवश्यकता है। यह साइकिल रैली इसी दिशा में उठाया गया एक छोटा सा प्रयास है।
4 अप्रैल को ठियोग और शिमला सहित अन्य कस्बों में चंडीगढ़ और ठियोग के साइकलिस्ट सांझे रुप से भी साइकलिंग करेंगें और नशाखोरी से होनी वाली हानियों के प्रति जागरुकता फैलाएगें। ठियोग पैडल्स के सचिव बालकृष्ण बाली ने बताया कि एसडीएम ठियोग सौरभ जस्सल जो कि स्वयं एक साइकलिस्ट हैं, स्थानीय विधायक राकेश सिंघा, आबकारी एवं कराधान के डिप्टी कमीशनर देव कांति खाची और हिमाचल प्रदेश रणजी टीम के पूर्व कप्तान अरुण वर्मा चंडीगढ़ से आए साइकलिस्टों को मैडल्स देकर सम्मानित करेंगें।
इस साहसिक अभियान में साइकिल रैली के बीच 11 वर्षीय तन्मय रावत आकर्षण का केन्द्र है, जो पूरी तरह आश्वस्त है कि वे इस रैली को पूरा कर सकेगा। लाॅकडाऊन में अपने अभिभावकों के साथ तन्मय ने खूब साइकिल चलाई, जिसके परिणामस्वरुप अब साइकिलिंग उनकी दिनचर्या का हिस्सा है। पिछले एक साल में तन्मय ने अपने पिता सुदीप रावत के साथ कसौली, डगशई, मोरनी, अंबाला, पटियाला, सहित कई माउंटेन हिल्स डेस्टिनेशन तक जाकर साइकिलिंग स्किल्स को पैना किया है।
तन्मय ने बताया कि साइकलिंग से सबसे बड़ा फायदा उन्हें विडियो गेम्स और टीवी के प्रति पैदा हो रहे लगाव पर अंकुश लगाया है। साइकलिंग के प्रति बढ़ती दिलचस्पी से वे ऐसे कई ओर अभियान का हिस्सा बनना चाहते हैं। तन्मय ने बताया कि वे इतनी प्रेक्टिस करना चाहते हैं कि जिससे की अगामी गर्मियों में वे अपने पिता के साथ लगभग 1500 किलोमीटर वाले मनाली-लेह-श्रीनगर सर्किट साइकिल पर कवर कर सकें।