हमीरपुर, 01 अप्रैल : रोटरी क्लब हमीरपुर दूसरी कक्षा में पढने वाली सुकन्या के लिए किसी फरिश्ते के रूप में सामने आया है। हमीरपुर जिला मुख्यालय से लगभग आठ किलो मीटर दूर कैहडरू समराला के अशोक कुमार और गोलू देवी की पुत्री सुकन्या कोरोना महामारी के दौरान जहां स्कूल नहीं जा पाई वहीं स्मार्ट फोन न होने के कारण बच्ची की पढाई भी पूरी तरह से बाधित हुई।
पिता सडक के किनारे एक छोटी सी दुकान लगाकर अपना और परिवार का गुजर-बसर करते हैं। घर की आर्थिकी इतनी सुदृढ नहीं है कि बच्ची को स्मार्ट फोन दिलाकर उसकी पढ़ाई को जारी रखा जाए।
मोबाइल के अभाव में पढाई न कर पाने के कारण सहज ही सुकन्या की आंखों से अश्रुधारा बहनी शुरू हो जाती थी, मानो दुख का समन्दर अंदर ही अंदर इस नन्ही बच्ची को कचोट रहा हो। माता-पिता की मजबूरी है कि शाम को दो जून की रोटी के इंतजाम के पैसे कमा सकें। बच्ची को स्मार्ट फोन देकर पढाई करवाने का ख्याल अपनी गरीबी के चलते यह लोग सपने में भी नहीं ला सकते थे।
रोटरी क्लब के अध्यक्ष को मीडिया के माध्यम से जैसे ही जानकारी मिली कि एक गरीब कन्या स्मार्ट फोन के अभाव में पढ़ाई नहीं कर पा रही है, उन्होंने बिना समय गंवाए अपने सदस्यों के साथ विचार-विमर्श कर उक्त बच्ची सुकन्या को नया स्मार्ट मोबाइल फोन प्रदान कर दिया। रोटरी क्लब संस्था इस बच्ची के लिए मानों किसी सांता क्लाॅज से कम नहीं है, जिसने इस बच्ची की पढ़ाई में इतना बड़ा योगदान दिया तथा भविष्य में भी इस बच्ची के माता-पिता से सम्पर्क कायम रखने का निर्णय लिया।
सुकन्या ने बताया कि वे दूसरी कक्षा की छात्रा हैं तथा कोरोना के कारण स्कूल नहीं जा पाई व मोबाईल न होने के कारण पढाई भी नहीं कर पाईं। उसने बताया कि वे पढ़ना चाहतीं हैं।
रोटरी क्लब के अध्यक्ष रवि शर्मा ने कहा कि उन्हें जैसे ही डीडी न्यूज शिमला के माध्यम से यह जानकारी मिली कि इस बच्ची की मोबाईल न होने के कारण पढ़ाई नहीं हो पाई और परीक्षा भी नहीं दे पाई, उन्होंने तुरंत इस बच्ची को संस्था के माध्यम से मोबाइल देने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि रोटरी इस तरह की समाज सेवा के लिए हमेशा अग्रणी रहती है।
रोटरी के वरिष्ठ सदस्य एनके शर्मा ने कहा कि इस तरह की कोई बच्ची हो तो उसके लिए भी हम लोग संस्था की तरफ से सहायता करने के लिए तत्पर हैं।
सुकन्या कि माता गोलू देवी ने बताया कि स्मार्ट फोन न होने के कारण सुकन्या की पढाई नहीं हो पाई तथा वह परीक्षा भी नहीं दे पाई थी। आज रोटरी द्वारा दिए गए योगदान के लिए वह रोटरी क्लब का धन्यवाद प्रकट करती हैं।