हमीरपुर , 28 मार्च : महाराजा संसार चंद की ओर से 300 वर्ष पहले शुरू किए गए रंगों के त्यौहार को यहां मनाने की परंपरा पर इस बार इतिहास में पहली बार सुजानपुर के चौगान में इसका आयोजन पर कोरोना वायरस का ऐसा साया पड़ा है कि यह मैदान ही अबकी बार सूना सूना पड़ा हुआ है। मेला ग्राउंड में इस वर्ष कोई भी व्यापारिक गतिविधि नहीं होगी।
सरकारी स्तर पर इस रंगों के त्यौहार को यहां राष्ट्रीय स्तरीय दर्जा दे दिया गया। लेकिन प्रशासन द्वारा इसके आयोजन के लिए तैयारियां पहले से शुरू करने के बावजूद भी अब यह नहीं मनाया जाएगा। हालात सुधरने तक इस मेले के आयोजन को देखने के लिए लोगों को 1 साल का और इंतजार करना होगा। इस वर्ष प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय स्तरीय होली मेला को स्वर्णिम राष्ट्र स्तरीय होली मेला का नाम दिया गया था।
प्रशासन की ओर से स्थानीय रात्रि लोक कलाकारों का ऑडिशन जारी था। इसके साथ साथ चौगान में लगने वाली दुकानों के लिए मार्केटिंग की जा चुकी थी। झूलों की बोली हो चुकी थी। मात्र कुछ ही तैयारियां शेष बची थी। लेकिन कोविड-19 चलते और मौके पर मेले को रद्द कर दिया गया था।
उक्त मेला महाराजा संसार चंद द्वारा शुरू किया गया था। छोटे स्तर से शुरू हुआ यह मेला राज्य सरकार द्वारा आयोजित किया जाने लगा तथा इसे राज्य स्तर के बाद राष्ट्रीय स्तर का दर्जा राज्य सरकार द्वारा दिया गया। प्रशासन द्वारा आयोजित होने वाले इस मेले में स्थानीय लोगों की भी सहभागिता रहती थी। प्रशासन द्वारा मेले में अट्रैक्शन लाने के लिए कई प्रयोग भी किए जाते रहे हैं। डॉग शो ,बेबी शो, रंगोली प्रतियोगिता के साथ-साथ रस्साकशी ,कुश्ती मेले के दौरान प्रमुख आकर्षण का केंद्र होते थे। जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते थे। लेकिन इस बार कोरोना के चलते यह सारे आयोजन धरे के धरे रह गए।
मेला के दौरान दूर-दूर से व्यापारी यहां आकर बिजनेस करते थे। लेकिन इस बार मेला रद्द होने से उक्त व्यापारी भी खासे मायूस नजर आ रहे हैं। उनके अनुसार बीते साल होली मेला के दौरान कोरोना शुरू हुआ था तथा सारा साल कोरोना की भेंट चढ़ गया। इस वर्ष उन्हें व्यापार की आस बनी थी लेकिन मेला रद्द होने से यह आस भी जाती रही है। कुछ व्यापारियों के अनुसार उनकी रोजी-रोटी मेलो पर ही टिकी होती है क्योंकि वह हर साल मेले लगाते हैं लेकिन बीते 1 साल से मेले ना होने से उनकी आर्थिकी भी खराब हो गई है।उधर प्रशासन ने इस बार मेले के दौरान कोई भी आयोजन न करने का निर्णय लिया है।
प्रशासन द्वारा इस बार मात्र सिंबॉलिकली तौर पर पूजा अर्चना की जाएगी। डीसी हमीरपुर देव श्वेता बानिक के अनुसार कोविड-19 गाइडलाइन के तहत मुरली मनोहर मंदिर में पूजा अर्चना और यज्ञ हवन का छोटा सा आयोजन होगा।
महाराजा संसार चंद द्वारा शुरू किया गया होली मेला वह जनता के साथ घुल मिलकर मनाते थे। रंगों में सराबोर होकर आम जनता के साथ इतने घुलमिल जाते थे कि यह भी भूल जाते थे कि वह एक रियासत के राजा हैं। उनके रियासत की प्रजा के साथ होली खेलते भित्तिचित्र उनके द्वारा बनाए गए नर्वदेश्वर मंदिर में उस समय के चित्रकारों द्वारा उकेरे गए हैं। इस तरह के अन्य चित्र मंदिर के गर्भगृह में दीवारों पर देखे जा सकते हैं।
सुजानपुर के विकास के लिए कई घोषणाएं होली के दौरान मंच से की गई हैं। होली के दौरान आए हुए मुख्य अतिथि यहां मंच से सुजानपुर के लिए कोई कई सौगातें देकर गए हैं उन्होंने यहां के विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान अदा किया है। लेकिन इस बार होली मेला रद्द होने से सुजानपुर को विकास की घोषणा के लिए 1 वर्ष और इंतजार करना पड़ेगा।