घुमारवीं, 29 मार्च : हिमाचल प्रदेश के ऊपरी हिस्से में तो बागवानी मुख्य व्यवसाय है, लेकिन बिलासपुर जैसे जिला में भी बागवानों की कमी नहीं है। बागवान मौसम की विपरीत परिस्थितियों के चलते के नकदी फसलों की पैदावार कर रहे हैं। एक ऐसे ही बागवान हैं, बिलासपुर जिला की कोठी के पनयाला गांव के हरिमन शर्मा।
हरिमन शर्मा ने 90 के दशक में बागवानी को अपनी रोजी-रोटी का साधन बनाया और दिन प्रति दिन कड़ी मेहनत कर बहुत अच्छा मुकाम हासिल किया। जिला में सबसे पहले सेब हरिमन शर्मा ने तैयार किया, जिसके चलते सेब की यह किस्म हरिमन-99 के नाम से पेटेंट हुई है। हरिमन शर्मा सेब के साथ साथ चीकू की फसल ले रहे हैं। हालांकि बिलासपुर जैसे गर्म जिला में यह सब असम्भव सा था, लेकिन आज अधिकतर लोग खेती के साथ-साथ बागवानी भी कर रहे हैं।
मक्की गेहूं की फसल को छोड़ कर अब सेब, गोभी, लहसुन जैसी फसलें उगाने लगे हैं। हरिमन शर्मा को 16 अवार्ड मिले हैं, जिनमें अधिकतर राष्ट्रीय स्तर के हैं। हरिमन शर्मा का मानना है कि अगर हौंसले बुलंद हों तो और मन में कुछ करने की इच्छा है तो इन्सान कोई भी मुकाम हासिल कर सकता है।