कांगड़ा, 27 मार्च : हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के शहीद अशोक कुमार पंचतत्व में विलीन हो गए। शनिवार को शहीद अशोक कुमार की अंतिम यात्रा निकली, जिसमें हजारों लोगों शामिल हुए।
श्रीनगर के आतंकी हमले में शहीद हुए अशोक कुमार का शनिवार को उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। सैन्य सम्मान व नम आंखों से हजारों लोगों ने पैतृक गांव पालमपुर में अंतिम विदाई दी। पत्नी और बच्चों ने शहीद के अंतिम दर्शन किए और इस दौरान शहीद की पत्नी ने सेल्यूट किया। साथ-साथ शहीद की पत्नी ने कहा कि उन्होंने कहा था कि वह सात जन्म तक साथ रहेंगे, लेकिन यहीं साथ छोड़ कर चले गए।
बता दें कि शुक्रवार को शहीद का पार्थिव देह उनके गांव में आधी रात को पहुंचाया गया। शहीद सीआरपीएफ कांस्टेबल साल 2004 में भर्ती हुए थे। हालांकि शहीद अशोक कुमार का तबादला असम में भी हो रहा था परन्तु शहीद अशोक कुमार ने श्रीनगर अपनी इच्छा अनुसार चुना। 3 दिन पहले श्रीनगर में आतंकियों से लोहा मनवाते हुए अशोक कुमार शहीद हो गए थे।
अशोक कुमार सीआरपीएफ में चालक के पद पर तैनात थे। उनकी पत्नी सुषमा देवी, बेटे आदित्य (11) और बेटी रिद्धिमा के साथ पिछले कुछ साल से पिंजौर में रहते थे। यहां से उनका तबादला श्रीनगर के लिए हुआ था। शुक्रवार को सेना की गाड़ी पर आतंकी हमले में अशोक कुमार शहीद हो गए थे। इस हमले में दो अन्य जवान भी शहीद हुए थे।