सुंदरनगर, 25 मार्च : हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा गंभीर रोगों से ग्रस्त लोगों के लिए सहारा योजना शुरू की गई थी लेकिन यह योजना पिछले कुछ समय से पूरी तरह से फिसड्डी साबित हो रही है, क्योंकि गंभीर रोगों से ग्रस्त लोगों को इस योजना का कोई भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिस कारण मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गंभीर रोगों से ग्रस्त मरीजों को सहारा योजना के तहत कैंसर, पार्किंसन, पैरालिसिस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, थैलेसीमिया, हीमोफीलिया, गुर्दे की विफलता आदि गंभीर बीमारियों से जूझने वाले रोगियों को 3 हजार रुपए प्रतिमाह मिलता है। पहले यह राशि 2 हजार थी, जिसे सरकार ने बढ़ाकर 3 हजार रुपये किया है। यह मदद बीपीएल और 4 लाख तक की सालाना आय वाले परिवारों को हर माह मिलती है। लेकिन जिला मंडी के किडनी रोग से ग्रसित मरीजों को पिछले कई महीनों से इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
बेशक इन मरीजों को हिम केयर कार्ड के माध्यम से सरकारी अस्पतालों में स्थापित डायलिसिस सेंटर में मुफ्त डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध हो रही है। लेकिन ‘सहारा योजना’ के तहत मिलने वाली धन राशि नहीं मिलने के कारण बीमारी को लेकर अन्य खर्चों का निर्वहन करना मुश्किल हो रहा है। इससे पहले सहारा योजना के तहत मिलने वाली धनराशि इनके लिए एक वरदान साबित हो रही थी। मरीजों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से उन्हें सहारा योजना के तहत धनराशि मुहैया करवाने की अपील की है।
वही मामले को लेकर सीएम मंडी डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने कहा कि कोरोना काल के दौरान फंड की कुछ दिक्कत होने के चलते गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को सहारा योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था लेकिन अब धीरे-धीरे फंड मिलना शुरू हुआ है तो लोगों को जल्द ही भुगतान शुरू कर दिया जाएगा।