सुंदरनगर, 25 मार्च : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के दो दिवसीय मंडी प्रवास के दौरान सुंदरनगर पहुंचने पर निजी स्कूलों द्वारा फीस उगाही को लेकर की जा रही मनमानी के विरोध में संघर्षरत पेरेंट्स एसोसिएशन एवं छात्र अभिभावक मंच एक प्रतिनिधिमंडल मिला। प्रतिनिधिमंडल ने सीएम जयराम ठाकुर को मांग पत्र सौंप कर स्कूलों की मनमानी के खिलाफ विरोध दर्ज करवाया गया।
वहीं इस दौरान अभिभावकों द्वारा सुंदरनगर के निजी स्कूलों द्वारा फीस जमा नहीं करवाने के कारण उनके विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम रोके जाने की शिकायत पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी हैरानी जताई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने फीस को लेकर विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम रोकने को सरासर गलत बताया। अभिवावकों ने मुख्यमंत्री को मांग पत्र में कोविड-19 के संदर्भ में वसूली वार्षिक फीस रिफंड करवाने, स्कूल प्रबंधनों की मनमानी पर रोक लगाने व कड़ा कानून बनाने की मांग की है।
क्या रहीं अभिभावकों की मांग
अभिभावकों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि 2020-21 कोविड काल में ट्यूशन फीस के अलावा वसूली गई वार्षिक शुल्क आगामी फीस में एडजस्ट करवाने,फीस वृद्धि पर रोक, बच्चों का रोका गया रिजल्ट अविलम्ब जारी करवाने, संवैधानिक तौर पर पीटीए गठन के निर्देश संबंधित अधिसूचना जारी करने के साथ निजी स्कूलों के संदर्भ में अभिभावकों के हित को ध्यान में रखते हुए नया कानून बनाया जाए।
पेरेंट्स एसोसिएशन सुंदरनगर के प्रधान अश्विनी सैनी ने कहा कि निजी स्कूल प्रबंधन के मनमानी पूर्ण रवैये से अभिभावकों को विभिन्न समस्याएं पेश आ रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौर में स्कूल बंद रहे और इस दौरान गेम, सेलिब्रेशन, लाइब्रेरी, साइंस लैब, कम्प्यूटर, डिजिटल क्लास, सॉफ्टवेयर सहित किसी सुविधा का उपयोग नहीं किया गया। लेकिन स्कूलों द्वारा वार्षिक फीस को ना तो एडजस्ट किया जा रहा है ना ही रिफंड किया जा रहा है।
अभिभावक मंच सुंदरनगर की उपाध्यक्ष हिमाचली ठाकुर ने कहा कि निजी स्कूलों द्वारा ली जा रहे वार्षिक शुल्क को लेकर सीएम जयराम ठाकुर से मुलाकात की गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के द्वारा निजी स्कूलों को लेकर जल्द ही बैठक कर मामले का समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीएम जयराम ठाकुर ने उन्हें निजी स्कूल के द्वारा फीस के बदले रिजल्ट रोकने को लेकर गलत ठहराया गया है। वहीं उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो अभिभावक मंच हिमाचल प्रदेश में सड़कों पर उतरकर आंदोलन को और उग्र करेगा।
मामले पर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि इस तरह की बातें पहले भी सामने आई थी। लेकिन निजी स्कूलों द्वारा छात्रों का रिजल्ट रोकना किसी भी तरह से उचित नहीं है।
वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अभिभावक और स्कूल प्रबंधक मामले को लेकर हाईकोर्ट तक पहुंचे हैं। इसको लेकर सरकार द्वारा दोनों ही पक्षों को शिक्षा विभाग के साथ बैठक कर निर्णय लेने की बात कही है। लेकिन अभी तक मामले में कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। इसके बावजूद मामला हाईकोर्ट में चल रहा है जो भी आने वाले समय में उचित होगा सही कदम उठाए जाएंगे।