हमीरपुर, 24 मार्च : जिला उपमंडल के बड़सर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां पर एक पिता ने अपने बेटे को संपत्ति से इसलिए बेदखल कर दिया क्योंकि उसने दिल्ली बॉर्डर पर जाकर मोदी के खिलाफ नारे लगाए और किसानों के आंदोलन में खड़ा हुआ। पिता का साफ कहना है कि जब बेटे ने कभी खेती की ही नहीं, उसे खेती के बारे में कुछ पता नहीं तो फिर क्यों उसने किसान आंदोलन में भाग लिया और मोदी के विरोधी नारे लगाए।
किसान आंदोलन में बेटे के शामिल होने पर नाराज पिता ने उसे अपनी चल-अचल संपत्ति से बेदखल कर दिया। देश में इस तरह का यह पहला मामला बताया जा रहा है। बड़सर के जमली गांव के पूर्व सैनिक अजमेर सिंह ने कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए कहा कि उसके इकलौते बेटे परमजीत सिंह को यह तक पता नहीं कि कब कौन सी फसल बीजी जाती है। घर में बैठकर मुफ्त का खाना खाता है।
पूर्व सैनिक ने आंदोलन को गलत बताते हुए दिल्ली पुलिस से गुहार लगाई है कि आंदोलन में शामिल मेरे देशद्रोही बेटे की मार-मार कर हड्डियां तोड़ दी जाएं। अजमेर सिंह भारतीय सेना से वर्ष 2005 में सेवानिवृत्त हुए हैं। सेवानिवृत्ति के बाद वह अपने गांव में ही एक दुकान चलाते हैं और साथ में खेतीबाड़ी करते हैं।
परमजीत उनका इकलौता बेटा है, जिसकी शादी हो चुकी है। बहू और पोती घर पर हैं। एक चैनल पर बेटे को इंटरव्यू देते हुए अजमेर सिंह ने पहचान लिया। स्थानीय चैनल पर दिए इंटरव्यू में परमजीत ने किसानों के आंदोलन को सही बताया और चैनल पर ही प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।
यह देखकर अजमेर सिंह भड़क गया और अब अपने बेटे को अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया। अजमेर सिंह ने कहा कि दिल्ली में चल रहा किसान आंदोलन सही नहीं है। वहां पर लोग मुफ्त का खाना और अन्य सुविधाएं हासिल कर रहे हैं। अजमेर ने कहा कि वह एक पूर्व सैनिक है और किसानों का हित नए कृषि कानून में हैं। बेटे को अपनी संपत्ति से बेदखल करने के इस मामले से लोग हैरान हैं।