नाहन, 23 मार्च : शहर में महाराष्ट्र के राज्य पक्षी यैलो फुटेड ग्रीन पिजन को मददगार मिले हैं। दरअसल, जख्मी हालत में एक महिला आंचल कपूर इसकी देखरेख कर रही थी। चोटिल होने की वजह से उड़ान भरने में भी असमर्थ था। इसी बीच महिला की मुलाकात छठी कक्षा में पढ़ने वाले विभूषित गौड़ से हुई। जिनके पिता सुनील गौड़ ने पक्षी को पशु चिकित्सालय ले जाने का निर्णय लिया।
विभूषित गौड़ व आंचल कपूर इस खूबसूरत पक्षी को लेकर उपचार के लिए अस्पताल पहुंचे। डयूटी पर तैनात डाॅ. अंकुर गुप्ता ने तुरंत ही पक्षी को उपचार दिया। मरहम पट्टी करने के बाद वापस महिला के सुपुर्द कर दिया गया।
एमबीएम न्यूज से बातचीत में डाॅ. अंकुर गुप्ता ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वो पक्षी महाराष्ट्र का राज्य पक्षी है। अलबत्ता इतना जरूर है कि बेहद ही खूबसूरत है। तुरंत ही उपचार किया गया। उम्मीद है कि जल्द ही उड़ान भरने लगेगा।
बता दें कि महाराष्ट्र में पक्षी को हरियाल कहा जाता है। इसकी बनावट कबूतर की तरह ही होती है। हालांकि इस प्रजाति को दुर्लभ श्रेणी में नहीं रखा जाता, लेकिन इतना जरूर है कि इसके दीदार बेहद ही कम होते हैं। ये एक बेहद ही सुंदर कबूतर होता है, जिसका रंग ओलिव (हरा) होता है।
जानकारों के मुताबिक हरियाल ऊंचे पेड़ों, जंगलों व पतझड़ वाले जंगलों में मिलता है। अक्सर ये पक्षी पीपल व बरगद के पेड़ों पर अपने घौंसले बनाते हैं। कई बार शहरों में भी पहुंच जाते हैं। लगभग 29 से 23 सैंटीमीटर तक वाले इस पक्षी का वजन 250 ग्राम तक होता है। हालांकि ये सामाजिक प्राणी झुंडों में ही पाया जाता है, लिहाजा ये माना जा रहा है कि जख्मी होने की वजह से अपने झुंड से बिछड़ गया होगा।
उधर, छायाकार सुनील गौड़ ने बताया कि पशु अस्पताल की ओपीडी में ही उपचार दिलवाया गया। उन्होंने बताया कि पक्षी को स्वस्थ करने को लेकर हर प्रभावी कदम उठाया जा रहा है।