सोलन, 23 मार्च : हिमाचल के बद्दी क्षेत्र सहित आईईसी विश्वविद्यालय की फर्जी वैबसाइट बनाकर ठगी करने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश कर दिया गया है। पुलिस ने दिल्ली, पंजाब व उत्तराखंड से पांच शातिरों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के कब्जे से देश के अन्य विश्वविद्यालयों व स्कूलों की जाली डिग्रियां व प्रमाणपत्र भी मिले हैं।
एसआईटी को इस मामले में बड़ी सफलता हासिल हो गई है। हालांकि तकनीकी तौर पर इस मामले की गहराई से जांच जारी है, लेकिन शातिरों के हाथ आ जाने से कई राज खुलने की उम्मीद है। आईईसी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विनोद कुमार की शिकायत पर 15 दिसंबर 2020 को मामला दर्ज किया गया था।
शिकायत के मुताबिक अज्ञात लोगों द्वारा विश्वविद्यालय की फर्जी वैबसाइट बनाई गई है। इसके बाद डीएसपी बद्दी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था। प्रारंभिक जांच में ये सामने आ रहा है कि संगठित गिरोह द्वारा युवाओं को दाखिले देने की आड़ में ठगा जाता था। संभव है कि इस गिरोह ने अन्य राज्यों में भी अपने पांव पसारे हुए थे।
ये भी बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए पांचों शातिरों द्वारा विश्वविद्यालय की फर्जी वैबसाइट के जरिए मार्कशीट बेचने का गोरखधंधा भी चलाया जा रहा था। इस गिरोह को बाहर से ही संचालित किया जा रहा था। उल्लेखनीय है कि एसआईटी की पांच टीमें शातिरों को तलाशने के लिए अलग-अलग जगहों पर दबिश दे रही थी।
हालांकि पुलिस इस मामले में पहली गिरफ्तारी काफी पहले कर चुकी थी, लेकिन इस मामले में गिरोह के पर्दाफाश का खुलासा मंगलवार शाम को किया है। पहली गिरफ्तारी के बाद से ही पुलिस बाकी आरोपियों के गिरेबान तक पहुंचने में लगी हुई थी। एमबीएम न्यूज से बातचीत में बद्दी के एसपी रोहित मालपानी ने पुष्टि करते हुए कहा कि फर्जी वैबसाइट का मसला काफी गहरा है। इसकी जांच जारी है। फिलहाल ये नहीं कहा जा सकता कि कितने स्तर पर ठगी की गई है या फिर विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्रियों को बेचा गया है।
एसपी ने बताया कि डीएसपी बद्दी के नेतृत्व में एसआईटी द्वारा जांच को प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की भी 6 फर्जी मार्कशीट मिलने का मामला सामने आया है।
ये हो चुके हैं गिरफ्तार….
पहले चरण में पुलिस ने एनान अहमद (34) निवासी बिहार, मोहम्मद सलीम (29) निवासी दिल्ली, भारती (28) निवासी दिल्ली को देश की राजधानी से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद दूसरे चरण में मनीष कुमार (32) निवासी पंजाब, अर्चना (31) निवासी उत्तर प्रदेश को क्रमशः पंजाब के फजिल्का व उत्तराखंड के हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया है। पांचों ही आरोपी इस समय न्यायिक हिरासत में हैं।