सराहां (नारग) : भागदौड़ भरी जिंदगी में आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सार्वजनिक कार्यों के लिए एकत्र होते हैं। सार्वजनिक कार्य करने की इस परंपरा को जिला सिरमौर में हैला कहते हैं, जिसे यहां के ग्रामीणों ने आज भी कायम रखा है। ऐसे ही पच्छाद की वासनी पंचायत में संधराल-तलाड़ा वार्ड के ग्रामीणों ने दो दिन का हैला कर सिंचाई की कूहल की मरम्मत की।
क्षेत्र में नगदी फसलों की होती है बंपर पैदावार… दरअसल इस वार्ड के कथेला, भरागड़ी व संधराल आदि गांवों के लिए करीब 5 किलोमीटर लंबी कूहल है, जिससे यहां के खेतों की सिंचाई होती है। अभी गर्मियां शुरू ही हो रही है और क्षेत्र में टमाटर, शिमला मिर्च, बीन व अन्य नगदी फसलों को लगाने का सिलसिला शुरू हो चुका है, जबकि लहसुन की बंपर फसल को भी अब पानी की सबसे ज्यादा जरूरत है। गर्मियों में अपनी फसल को सूखे से बचाने के लिए इन गांवों के करीब 25 ग्रामीणों ने दो दिन तक इस कूहल की मरम्मत की। इस दौरान थान देवता का पूजन किया गया और भंडारा भी लगाया गया।
कूहल के कच्चे हिस्से को पक्का करवाने की मांग इन गांवों के किसानों ने बताया कि सरकार ने इस कूहल का काफी हिस्सा तो पक्का करवा दिया है, लेकिन कुछ हिस्सा अभी भी कच्चा है, जहां से पानी खेतों तक पहुंचाना मुश्किल होता है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस कूहल के बाकी हिस्से को भी जल्द से जल्द पक्का किया जाए, ताकि उन्हें अपनी फसलों की सिंचाई करने में किसी तरह की कठिनाई न हो।
हैले में इन ग्रामीणों ने किया सहयोग स्थानीय किसान रोशन लाल, केशव राम, जयचन्द, सुरेंद्र, शिशु, नित्यानंद, वीरेंद्र, अमित, धर्मेंद्र, विनोद, सचिन, जोगेंद्र सिंह, सुभाष, दयाराम, हरेंद्र, कुलदीप, शानु, अंशु, रतन आदि ने कूहल की मरम्मत करने में अपना सहयोग दिया।