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फौजी की सातवीं बेटी भी बनी काबिल, HAS में चौथा रैंक पाने पर उमड़ आया आंसुओं का सैलाब

March 22, 2021 by MBM News Network

चंबा, 22 मार्च : हिमाचल प्रदेश के भटियात क्षेत्र के मंगनूह गांव में भारतीय सेना से ऑनरेरी कैप्टन के पद से रिटायर्ड फौजी लिंजो राम के घर पर खुशी का माहौल है। 6 बेटियों को काबिल बनाने के बाद जब लिंजो राम की सबसे छोटी बेटी शिखा समितियां कामयाबी के बाद घर पहुंची तो हर किसी की आंखों में आंसुओं का सैलाब उमड़ा हुआ था। खुद भी शिखा की आंखों से अश्रुधारा बह रही थी।

फौजी की सातवीं बेटी भी बनी काबिल, HAS में चौथा रैंक पाने पर उमड़ आया आंसुओं का सैलाब
परिवार से मिलती शिखा

शिखा को जब एचएएस परीक्षा में चौथा रैंक मिलने की खबर मिली तो उस समय वो अपनी बहन के घर पर नगरोटा में थी। आप ये जानकर हैरान होंगे कि सेवानिवृत फौजी ने सात बेटियों का लालन-पोषण इतने बेहतर तरीके से किया कि तमाम बेटियां अपने पांव पर खड़ी हैं। पांच सरकारी नौकरी में हैं तो एक प्रतियोगितात्मक परीक्षा की तैयारी में लगी हुंई है। अब सातवीं बेटी ने एचएएस परीक्षा में धमाकेदार तरीके से डंका बजाकर पिता के सपनों को पंख लगा दिए हैं।

14 फरवरी 1995 को जन्मी शिखा ने सरकारी स्कूल से जमा दो की पढ़ाई करने के बाद कांगड़ा व चुवाड़ी महाविद्यालयों से नाॅन मेडिकल में बीएससी की पढ़ाई की। जन्म देने वाली मां का निधन 2009 में हो गया था। दूसरी मां गुड्डी देवी ने घर पहुंचने पर बेटी का इस्तकबाल करने में कोई कमी नहीं रखी। पारिवारिक जिम्मेदारी को भी निभाना शिखा को खूब आता है।

बीएससी पूरी करने के बाद एक साल इस कारण ड्राप किया क्योंकि बहन की डिलीवरी होनी थी। इसके बाद एचपीयू से माॅस कम्युनिकेशन में पीजी की पढ़ाई की। 2017 से लगातार एचएएस बनने की कोशिश में लगी हुई थी।

आंसुओं के सैलाब पर बोली…
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में एचएएस बनी शिखा ने कहा कि नतीजा घोषित होने के बाद वो रविवार को घर पहुंची थी। घर में दाखिल होते ही आंखों से खुशी के आंसू झलक रहे थे। वो पिता के संघर्ष को याद करते-करते भावुक हो गई। पिता की भी आंखें नम थी। मां की भी याद आ रही थी, जो इस दुनिया में नहीं है।

ये दिए टिप्स….
बेबाक तरीके से शिखा ने कहा कि जीवन में पढ़ाई पर ही केंद्रित नहीं रहना चाहिए, बल्कि सब कुछ करना चाहिए। उदाहरण देते हुए शिखा ने कहा कि वो कभी भी सोशल मीडिया से दूर नहीं रही। 6 से 7 घंटे नियमित पढ़ाई के दौरान जरूर अपना मोबाइल बंद रखती थी। वैकल्पिक विषय साइकोलाॅजी को चुनने के बारे में पूछे गए सवाल पर शिखा ने कहा कि जब आपने प्रशासनिक सेवा में जाना होता है तो इससे जुड़े विषय का भी कुछ अध्ययन होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि संतुलित पढ़ाई ही सफलता का मूल मंत्र है। शिखा ने बताया कि दूसरे व तीसरे प्रयास में प्री क्वालीफाई कर लिया था, लेकिन चैथे प्रयास में कामयाबी हासिल हो गई है। उन्होंने बताया कि पीजी की पढ़ाई करने के दौरान 2017 में ही प्रशासनिक अधिकारी बनने का सपना देखा था। इसे पूरा करने में करीब चार साल का वक्त लगा।

Filed Under: चंबा, मुख्य समाचार, युवा, हिमाचल प्रदेश Tagged With: Chamba news, Himachal News In Hindi



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