नाहन, 19 मार्च : देश की दूसरी सबसे पुरानी नगर परिषद नाहन ने गलियों में गंदगी फैलाने वालों पर सख्ती दिखाने के मकसद से एक प्रयोग किया है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर से गंदगी फैंकी गई होती है, उस ढ़ेर में फैंकने वाले के सबूत भी मौजूद होते हैं। इस बात को लेकर नगर परिषद के वर्क सुपरवाइजर सुलेमान ने वार्ड नंबर 7 में कांग्रेस भवन के समीप कूड़े के ढ़ेर से तीन सबूत ढूंढ निकाले।
हालांकि ये नहीं पता चला है कि ये कौन लोग है और कहां रह रहे हैं, लेकिन तलाश की जा रही है। ताकि उन्हें जुर्माने का चालान सौंपा जा सके। नगर परिषद ने कचरा फैंकने वालों के खिलाफ तेवर तीखे करने का फैसला लिया है।
दरअसल, कूडे़ के ढ़ेर तो कई जगह लगे होते हैं, लेकिन ये नहीं पता चलता कि किसने फैंका है, लिहाजा कोई कार्रवाई नहीं होती। लेकिन अब नगर परिषद ने ये तय कर लिया है कि कूडे़ के ढ़ेर में से ही सबूत तलाश किए जाएं। जानकार बताते हैं कि कोई भी व्यक्ति कितनी भी चैकसी कर ले, लेकिन कहीं न कहीं सुराग मिल सकता है।
उधर, एमबीएम न्यूज से बातचीत में वर्क सुपरवाइजर ने कहा कि प्रयोग में कूड़े के ढ़ेर से एक बच्चे का नवोदय स्कूल से जुड़ा प्रमाणपत्र मिला है। इसके अलावा मेडिकल काॅलेज की पर्चियां भी मिली हैं। कूड़ा फैंकने वालों की तलाश की जा रही है, ताकि उनका चालान किया जा सके। उधर, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी ठाकुर अजमेर सिंह ने कहा कि अगर ये प्रयोग सफल रहता है तो विशेष टीमें भी गठित की जा सकती हैं, जो इस बात का पता लगाएंगी कि कौन लोग हैं। ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
उनका कहना था कि ये बात सही है कि कूड़े के ढ़ेरों के कारण ही बंदर भी आतंक मचाते हैं। अगर सड़कों व गलियों में कूड़ा नहीं फैंका जाएगा तो बंदरों के आतंक से भी मुक्ति मिल सकती है।