हमीरपुर, 18 मार्च : प्रदेश सरकार के लगातार चल रहे झूठे संवादों पर अब आम आदमी को कतई भरोसा नहीं बचा है। सरकार आए दिन झूठे संवाद व झूठी घोषणाएं करके सिर्फ और सिर्फ अपनी सत्ता को बचाने के प्रयासों में लगी हुई है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष व सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस ब्यान में कही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में हर वर्ग सरकार की लचर कार्यप्रणाली से तंग है। व्यापारी, कारोबारी, बेरोजगार किसान सरकार की मनमानी से दुखी हो उठे हैं। अर्थव्यवस्था का जनाजा निकला हुआ है।
सरकार प्रदेश की बेरोजगार युवा शक्ति का आउटसोर्स के माध्यम से जमकर शोषण कर रही है। महंगाई, महामारी से दबे-कुचले बेरोजगार सरकार की दोगली नीति का शिकार हो रहे हैं। हैरानी यह है कि सरकार की आउटसोर्स पॉलिसी के तहत आउटसोर्स पर लोगों को लाने वाली कंपनियां तो मालामाल हो रही हैं जबकि आउटसोर्स के इस खेल में बेरोजगार हाल बेहाल हैं। राणा ने कहा कि सरकार एक ओर तो मिनिमम वेज की बात करती है। मजदूरों की दिहाड़ी 300 रुपए करने का ऐलान कर चुकी सरकार पढ़े-लिखे बेरोजगारों को 3 से 5 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन पर आउटसोर्स के माध्यम से शोषण कर रही है।
बेरोजगारी में मारामारी में फिर रहा पढ़ा लिखा बेरोजगार इस शोषण को करवाने के लिए मजबूर व लाचार है। राणा ने कहा कि उन्हें मिली जानकारी के अनुसार सरकार आउटसोर्स कंपनियों को प्रति व्यक्ति करोड़ों का फायदा प्रतिमाह का भुगतान कर रही है तो बेरोजगारों की लाचारी व बेबसी का लाभ उठाकर उन्हें किस पैमाने के तहत 3-5 हजार रुपए प्रति महीना दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार की नीयत साफ है तो सरकार जिन कंपनियों को प्रति व्यक्ति जितना भुगतान करती है, उतना भुगतान सीधे तौर पर बेरोजगारों को क्यों नहीं दे रही है। कारण साफ है कि सरकार आम आदमी के हितों पर डाका डालकर आउटसोर्स कंपनियों की पैरवी में लगी है जो कि गलत है। लोकतंत्र में सरकार आम आदमियों के हितों की रक्षा के लिए काम करती है लेकिन बीजेपी की सरकार ऐसी पहली सरकार है जो नागरिकों के हितों पर डाका डाल कर कंपनियों को धनासेठ बना रही है।