मनाली, 18 मार्च : सीमित संसाधनों के बावजूद खाकी अपनी डयूटी करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ती। अक्सर मामूली बातों पर आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ता है।
हिमाचल के ट्राइबल क्षेत्र स्पीति में मुख्य आरक्षी जितेंद्र कुमार व आरक्षी राकेश ने एक उदाहरण पेश किया है। इसकी बदौलत हिमाचल पुलिस गौरवान्वित महसूस कर रही है। हालांकि मामला चंद रोज पहले का है, लेकिन पुलिस कर्मियों के साहस व मानवीय सेवा के जज्बे की चर्चा जारी है।
दरअसल हुआ यूं कि स्पीति में 15 मार्च को तिंदी-उदयपुर राज्य मार्ग भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गया। रोहली के समीप जंगल कैंप में काफी वाहन फंस गए। फंसे हुए लोगों में दो मरीज भी थे। मरीजों को किलाड़ से मनाली रैफर किया गया था। जानकारी मिली कि सड़क को बहाल होने में एक दिन का वक्त लगेगा। ऐसे में मरीजों की जान पर आ पड़ी।
एक पल गंवाए बगैर मुख्य आरक्षी जितेंद्र व राकेश ने ग्रेफ के अधिकारियों व स्थानीय लोगों की मदद से मरीजों को स्लाइडिंग प्वाइंट के पास सुरक्षित पहुंचाया। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया कि दूसरी तरफ से उन्हें मनाली पहुंचने के लिए टैक्सी मिल जाए। चूंकि कोशिश शिद्दत व निस्वार्थ भाव से की जा रही थी, लिहाजा मरीज सही समय पर मनाली भी पहुंच गए।
बता दें कि खाकी का मानवीय चेहरा अक्सर ही सामने आता है। हाल ही में शिमला में भी एक पर्यटक ने दिल्ली से पत्र लिखकर एसपी को एक आरक्षी की प्रशंसा की थी, क्योंकि वो गाड़ी खराब होने पर मददगार बना था। इसके अलावा बर्फबारी के दौरान एक पुलिस कर्मी क्रेन में ही मरीज को लेकर आईजीएमसी तक पहुंच गया था। कुल मिलाकर निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले पुलिस कर्मियों की हौंसला अफजाई की जानी चाहिए।