नाहन/नूरपुर, 18 मार्च : पीजीआई चंडीगढ़़ में हिमाचल की दो बेटियां जिंदगी व मौत के बीच संघर्ष कर रही हैं। पांच महीने की नन्हीं नैना के पिता राजपाल को आर्थिक संकट की स्थिति से गुजरना पड़ रहा है। वहीं, कांगड़ा जनपद के नूरपुर उपमंडल की 23 वर्षीय शिखा देवी की एक हादसे ने पूरी जिंदगी ही बदल दी है। सड़क हादसे में पिता का निधन हो गया तो खुद जीवन व मौत के बीच संघर्ष कर रही है।
इत्तफाक देखिए कि प्रदेश के दो किनारों पर स्थित क्षेत्रों में बेटियों को बचाने की कोशिश में भी समाजसेवी बेटियां ही जुड़ी हुई हैं। नन्हीं नैना का जीवन बचाने के लिए पांवटा उपमंडल के फूलपुर की उषा मदद में अपना बैंक खाता खाली कर चुकी है तो वहीं शिखा को नवजीवन मिल जाए, इसकी कोशिश में पर्वतारोही आकृति हीर ने सोशल मीडिया में अभियान चलाया हुआ है।
5 माह की नैना….
पांवटा साहिब उपमंडल की फूलपुर पंचायत के बांगरन गांव में नैना का जन्म राजपाल के घर में हुआ। पिता एक फैक्टरी में मजदूरी से घर का जीवन यापन कर रहे थे, लेकिन नैना के गले में दिक्कत आने लगी। किसी भी लिक्विड का सेवन करने पर उसे परेशानी हो रही थी। घर पर पहले ही एक चंद बरस का बेटा है, लिहाजा मां को उसकी देखभाल में भी समय देना पड़ता है। ऐसी स्थिति में नैना के इलाज की जिम्मेदारी पिता के कंधों पर आ गई।
परिवार ने कैबिनेट मंत्री सुखराम चौधरी को भी अपना दुखड़ा सुनाया। गनीमत इस बात की है कि गांव की ही एक समाजसेवी महिला उषा मनाहा ने नन्हीं नैना को बचाने का बीड़ा उठा लिया। पांवटा साहिब से बच्ची को पीजीआई रैफर किया गया तो उषा ही लाचार पिता के साथ बच्ची को लेकर करीब दो सप्ताह पहले पीजीआई चंडीगढ़ पहुंची। नन्हीं नैना को पहले तो पूरा दिन पीजीआई में इधर-उधर भटकना पड़ा।
शाम के वक्त जैसे-तैसे मामला पीजीआई के निदेशक डाॅ. जगत राम के संज्ञान में आया। निदेशक ने तुरंत ही मासूम बच्ची का जीवन बचाने के लिए अपना सहयोग किया। करीब दो घंटे के भीतर ही न केवल बच्ची को दाखिल कर लिया गया, बल्कि इलाज भी शुरू हो गया। हालांकि पीजीआई में बच्ची के टैस्ट को लेकर कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा, लेकिन पिता को दवाईयों व अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
एमबीएम न्यूज से बातचीत में उषा मनाहा ने कहा कि वो अपने स्तर पर हर आर्थिक मदद कर रही हैं। चूंकि इलाज लंबा प्रतीत हो रहा है, ऐसे में अन्य मददगारों को भी हाथ आगे बढ़ाने होंगे। उन्होंने कहा कि वो इस बात पर विश्वास रखती हैं कि पैसों की कमी से किसी का जीवन नहीं जाना चाहिए।
नैना को ऐसे की जा सकती है मदद….
नैना पुत्री राजपाल पुत्र साधु राम गांव बांगरण पंचायत फूलपुर, बैड नंबर 16, बिल्डिंग नंबर 5, ब्लाॅक-बी
मोबाइल नम्बर : 70185-84366
खाता नं० : 20159980272
IFSC code : 0001755
Bank Name – State Bank of India
23 वर्षीय शिखा देवी….
कांगड़ा जनपद के नूरपुर उपमंडल के सुलयाली गांव की शिखा देवी के जीवन में 10 मार्च 2021 का दिन गहरे जख्म लेकर आया। सड़क हादसे में युवती के पिता की जान चली गई। अपनी दोनों टांगों व बाजू की हड्डी टूट गई। अब चिकित्सकों ने उपचार के लिए 6 लाख रुपए का खर्च बताया है।
हालांकि परिवार को सड़क हादसे में निधन का मुआवजा भी मिलना है, लेकिन तत्काल रूप से शिखा के उपचार के लिए धन उपलब्ध नहीं है। मां पर दो छोटे बेटों की भी जिम्मेदारी आ गई है। पिता लोक निर्माण विभाग में बेलदार के पद पर कार्यरत थे। पढ़ाई कर रही शिखा को नहीं पता था कि एक ऐसा दिन भी आएगा, जब परिवार को इस तरह के हालात का सामना करना पड़ेगा।
पर्वतारोही आकृति हीर भी मददगार बनकर सामने आ रही है। लौहारपुर पंचायत के प्रधान कृष्ण सिंह का कहना है कि शिखा को एक बेहद ही भयावक हादसे का सामना करना पड़ा, जिसमें उसके पिता की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई थी। वो अपने पिता के साथ बाइक पर जा रही थी। इसी बीच कार ने टक्कर मारने के बाद काफी दूर तक बाइक को घसीटा। शिखा छिटककर दूर गिर गई थी। मगर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि एक टायर उसकी दोनों टांगों के ऊपर से निकल गया।
पंचायत प्रधान ने कहा कि प्रशासन ने भी शिखा के उपचार के लिए 50 हजार की राशि उपलब्ध करवाई है। शिखा को इस बैंक खाते में मदद राशि भेजी जा सकती है।
मोबाइल नम्बर :-8894981951
खाता धारक नाम : शिखा देवी
खाता नं०-9569000100017842
IFSC code-PUNB0956900
Bank Name – Punjab national bank