हरिपुरधार/सुरेंद्र चौहान
शिलाई क्षेत्र की दुर्गम पंचायत डाहर के मोऊराच धार की 50-60 घर की आबादी वाले गांवों में विगत 50 वर्षों से पीने के पानी की गंभीर समस्या है। जबकि इस कार्य के संदर्भ में लंबे समय से बार-बार शिकायतें विभाग के अधिकारियों को दी गई थी। फिर भी ग्रामीणों की आवाज उठाने में जल शक्ति विभाग विफल रहा है। समस्या दिनों दिन भयंकर रूप धारण कर रही है।
उठाऊ पेयजल योजना का कार्य निर्माण धीमा 150 इंच का डाया पानी उठाने में नाकाम डाहर खड्ड से उठाऊ पेयजल योजना का कार्य निर्माण धीमा होने से क्षेत्र के लोगों ने रोष व्यक्त किया है। जल शक्ति विभाग के मंत्री महेंद्र सिंह भी इस समस्या के समाधान के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठा रहे हैं, जबकि कार्य निर्माण में देरी के लिए विभाग को सख्त निर्देश दिए जाने चाहिए। ग्रामीणों ने बताया कि इस योजना में निर्धारित किया गया पाइप लाइन का डाया बहुत कम है और पानी चढ़ाने में नाकाम हो रहा है और बिजली वोल्टेज की भी समस्या है। विभाग इस समस्या को सुलझाने में नाकाम रहा है।
पशुओं व मानव जीवन में कोई अंतर नहीं
पीने के पानी के सूक्ष्म जल स्रोतों के बीच मोऊराच के ग्रामीण इलाकों में लोगों को अपने मवेशियों के साथ एक ही बावड़ी से पशुओं और मानव के लिए पीने का पानी लाना पड़ता है। जबकि सरकार पीने के पानी के घर द्वार नलके पहुंचाने के दावे करती है।
लेकिन यह समस्या पचास वर्षों की दुहाई दे रही है। ग्रामीणों ने बताया कि पानी की गंभीर समस्या को लेकर विभाग के विरूद्ध तहसील मुख्यालय शिलाई में शीघ्र ही विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।