शिमला, 15 मार्च : हिमाचल प्रदेश में शगुन योजना को जातियों तक सीमित करने को लेकर भारी आलोचनाओं का बाद प्रदेश सरकार ने इस योजना में सामान्य श्रेणी के गरीबों को शामिल करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज विधानसभा में प्रदेश के वर्ष 2021-22 के बजट पर हुई चर्चा के जवाब में यह ऐलान किया।
शगुन योजना में अब सरकार एससी एसटी, ओबीसी और सामान्य श्रेणी के बीपीएल में आने वाली बेटियों को 31 हज़ार रुपये देगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गत 6 मार्च को प्रस्तुत बजट में शगुन योजना की घोषणा की थी। राज्य सरकार ने शगुन योजना में अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग के बीपीएल परिवारों की बेटियों को शामिल किया था। इसके लिए बजट में 50 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। इन तीन श्रेणियों की बेटियों को विवाह पर सरकार की ओर से 31 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
वर्ष 2021-22 के बजट पर 3 दिन तक चर्चा चली, जिसका जवाब मुख्यमंत्री ने आज सदन में दिया। हालांकि मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने जवाब के बीच ही सदन से वाकआउट कर दिया। विपक्ष की मांग थी कि मुख्यमंत्री महंगाई, बेरोजगारी, कर्ज, पुलिस कर्मियों के अनुबंध और वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के मुद्दे पर सदन में घोषणा करे।
चर्चा के जवाब में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि नए वेतन मान के एवज में सरकार कर्मचारिय़ों को अंतरिम राहत के तौर पर 5066 करोड़ रुपए के लाभ दे चुकी है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की इस संबंध में रिपोर्ट 31 मार्च तक आएगी। इसका अध्ययन करने के बाद सरकार इसे लागू करने पर फैसला लेगी।