शिमला, 12 मार्च : कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने पीएम मोदी को भगवान शिव का अवतार बताने पर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज की कड़ी आलोचना की है। विक्रमादित्य सिंह ने आज यहां प्रेस वार्ता में सुरेश भारद्वाज को इस तरह की बयानबाजी न करने की नसीहत दी।
कहा कि सुरेश भारद्वाज ने भी खुद को अंधभक्तों की श्रेणी में अपने शामिल कर लिया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उत्तराखण्ड में घटनाक्रम हुआ है तो यहां भी कई मंत्रियों को मुख्यमंत्री बनने की लगी है।
उन्होंने कहा वे सुरेश भारद्वाज का सम्मान करते हैं, लेकिन इस तरह की बयानबाजी उन्हें शोभा नहीं देती है। विक्रमादित्य सिंह ने जयराम सरकार को खर्चों पर लगाम लगाने और जितनी चादर है उतने पांव पसारने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि बजट में घोषणा ही तो कर दी है, लेकिन इसके लिए पैसा कहां से आएगा इसका कोई पता नहीं है। सरकार को पहले अपनी आर्थिक स्थिति देखनी चाहिए उसके बाद लोगों को लुभाने के लिए घोषणाएं करनी चाहिए।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री 25 साल सत्ता में रहने के सपने छोड़ दें और जिस तरह का धमाका उत्तराखंड में हुआ है वैसा हिमाचल में भी हो सकता है ।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट में शगुन योजना की घोषणा कर बेटियों को जातियों के आधार पर बांट दिया, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। कहा कि बजट में 30 हजार नौकरियों की बात कही गई है, लेकिन पहले जो है, उनको तो संभाल लें। ओल्ड पेंशन योजना को जिक्र नहीं है। चादर तो फैला दी, लेकिन वित्तीय प्रबंधन को कोई पता नहीं है। विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि ये बजट न तो युवाओं, महिलाओं कर्मचायिों को लुभाता है और न ही किसी अन्य वर्ग को।
विक्रमादित्य सिंह ने जनमंच पर सवाल खड़े किए और जनमंच को झंडमच करार दिया। उन्होंने कहा कि जन मंच में लोगों की समस्याओं का समाधान कम और अधिकारियों को धमकाने का काम ज्यादा हो रहा है। उन्होंने सरकार को नसीहत दी कि अफसरशाही को धमका कर शासन का दुरुपयोग करना ठीक नहीं है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है। पहले यह आंकड़ा जहां 14 लाख था वहीं अब बढ़कर 20 लाख से ज्यादा हो गया है। कोविड-19 के दौरान काफी युवा बेरोजगार हो गए हैं, लेकिन यह सरकार इन युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह से विफल हो गई है। युवा सरकार से रोजगार की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन बजट में बेरोजगारों के लिए कुछ नहीं है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह सरकार कर्ज पर कर्ज लेकर प्रदेश को कर्ज में डूबोने का काम कर रही है। प्रदेश पर 60 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज हो गया है और आने वाले समय में यह सरकार और कर्ज लेगी। जिससे हिमाचल पर कर्ज का बोझ बढ़ता जाएगा। यह सरकार अपने आय के साधन तो बढ़ा नहीं रही है और कर्ज के सहारे ही सरकार को चलाया जा रहा है और केंद्र से भी यह सरकार मदद लेने में पूरी तरह से विफल रही है।