शिमला, 04 मार्च : हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में देशभर में 10 लाख से नीचे की आबादी के शहरों में श्रेष्ठ आंका गई है। यह प्रदेश सरकार के साथ-साथ शिमला शहर के लिए गर्व का विषय है। ईज़ ऑफ लिविंग सूचकांक देश के विभिन्न शहरों के “रहने लायक स्थिति” का स्टीक आकलन है।
उन्होंने कहा कि 2018 के सर्वेक्षण के अनुसार शिमला शहर जीवन सुगमता सूचकांक में देश के 111 शहरों में 92वें स्थान पर था तथा 92वें पायदान से प्रथम स्थान पर छलांग लगाना हमारे लिए गर्व का विषय है।
यह बात शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने गुरुवार को प्रदेश विधानसभा में कही। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि केंद्र के आवास और शहरी कार्य मंत्रालय विभिन्न पहलों के माध्यम से देशभर के शहरों में हुई प्रगति का आकलन करने और उन्हें अपने कार्य प्रदर्शन की योजना बनाने एवं कार्यान्वयन और निगरानी के लिए साक्ष्यों के उपयोग में सशक्त बनाने के लिए दो सूचकांक यानी ईज ऑफ लिविंग (जीवन सुगमता) सूचकांक और नगरपालिका कार्य प्रदर्शन सूचकांक (एमपीआई) लांच किए थे।
इन दोनों सूचियों को 100 स्मार्ट शहरों और 10 लाख से अधिक आबादी वाले 14 अन्य शहरों में नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि ईज ऑफ लिविंग सूचकांक का उद्देश्य स्थानीय निकायों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं, प्रशासन की प्रभावशीलता, शहरों के रहने लायक स्थिति के रूप में इन सेवाओं के माध्यम से सृजित परिणाम और आखिरकार इन परिणामों के लिए नागरिक अवधारणा से शुरू करके भारतीय शहरों का समग्र दृष्टिकोण उपलब्ध कराना है।
भारद्वाज ने कहा कि जीवन सुगमता सूचकांक में शिमला का श्रेष्ठ आना गत वर्षों में प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए गए विकास का घोतक है। प्रदेश में जहां शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़कों के निर्माण के क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास हुआ है।