सोलन, 27 फरवरी : अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायधीश प्रवीण चौहान की विशेष अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना में तीन युवकों को दोषी पाया है। दोषी रेशव व कर्ण को आईपीसी की धारा 376डी का दोषी पाया है। वहीं, तीसरे लोकेश को पोक्सो एक्ट की धारा-4 के तहत दोषी करार दिया गया है।
अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म की धारा में रेशव व कर्ण को 20 साल के कठोर कारावास के आदेश दिए हैं। साथ ही 25 हजार रुपए जुर्माना भी अदा करना होगा। इसके अलावा दोषियों को अन्य धाराओं में दो साल के साधारण कारावास के अलावा 5 हजार रुपए का जुर्माना अदा करना होगा।
तीसरे दोषी लोकेश को 10 साल के कठोर कारावास के अलावा 25 हजार रुपए के जुर्माने की सजा दी गई है। जिला न्यायवादी एमके शर्मा के मुताबिक दोषी पाए गए लोकेश ने नाबालिग से सबसे पहले दुष्कर्म किया था। इसके बाद दो अन्य दोषियों ने भी बलात्कार की घटना को अंजाम दिया। चूंकि दो युवकों ने एक साथ नाबालिग से दुष्कर्म किया था, यही कारण था कि उनके खिलाफ आईपीसी की धारा-376डी के तहत गैंगरेप की कार्रवाई अमल में लाई गई थी।
रेशव व कर्ण के खिलाफ 2015 में कसौली में मामला दर्ज हुआ था। अदालत में मामले की पैरवी सुनील वासुदेवा ने की थी। जिला न्यायवादी के मुताबिक युवकों ने वारदात को अंजाम देने के बाद पीड़िता को इसकी जानकारी किसी को देने की सूरत में नतीजा भुगतने की धमकी भी दी थी।