शिमला, 26 फरवरी : हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र (Assembly Session) के पहले दिन शुक्रवार को राज्यपाल (Governor) का रास्ता रोकने और धक्का-मुक्की करने की गाज नेता प्रतिपक्ष सहित पांच कांग्रेस विधायकों पर गिरी। सदन में विपक्ष (Opposition) की गैर मौजूदगी में सत्ता पक्ष ने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री हर्षवर्धन चौहान, सतपाल रायज़दा, सुंदर सिंह औऱ विनय सिंह को निलंबित करने का प्रस्तावित पारित कर दिया।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सदन में नियम- 319 के तहत प्रस्ताव (Resolution) रखा कि सदन की अवमानना (Contempt) के आरोप में प्रदेश विधानसभा की शेष अवधि तक पांचों विधायकों को निलंबित (Suspend) किया जाए। जिसे सदन ने पारित कर दिया। ऐसे में ये पांचों अब 20 मार्च तक चलने वाले बजट सत्र (Budget Session) में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
विधानसभा (Assembly) के शीतकालीन सत्र की शुरुआत शुक्रवार को हुई, लेकिन सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी सदस्यों ने भारी हंगामा किया। माहौल तब बिगड़ा जब नेता प्रतिपक्ष सहित कांग्रेस विधायक स्पीकर (Speaker) को जाने वाले गेट नम्बर 1 पर धरना देने बैठ गए। इतना ही नहीं विपक्षी सदस्यों ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का रास्ता भी रोका। इस दौरान विपक्षी व सत्तापक्ष के सदस्यों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। पुलिस के जवानों ने सुरक्षा घेरा बनाकर राज्यपाल को सुरक्षित वाहन में बिठाया।
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सुरक्षा कर्मियों सहित मंत्रियों के साथ बैठक आयोजित की व दोबारा से सदन बुलाया। हिमाचल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि सदन के स्थागित होने के बाद सदन बुलाया गया हो।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए बताया कि स्थगित होने के बाद 346 नियम के तहत दोबारा से सदन बुलाया गया है। इस दौरान विपक्ष की तरफ से कोई भी सदन में नही पहुँचा।
आज की घटना को विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार सहित संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज व मुख्यमंत्री ने शर्मनाक करार दिया व इसकी निंदा की मांग उठी कि ऐसे हंगामा करने वाले सदस्यों के ख़िलाफ़ कार्यवाही की जाए।