हमीरपुर, 24 फरवरी : जिला के शहीद हुए अंकुश ठाकुर को शहादत के बाद भी अब एक नई पहचान मिली है। जिस स्कूल में अंकुश ठाकुर ने पढ़ाई की और सेना में जाकर भर्ती हुए। अब उसी स्कूल का नाम शहीद अंकुश ठाकुर के नाम से जाना जाएगा। वहीं स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को भी शहीद अंकुश ठाकुर के बारे में बताया जाएगा। उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना व चीनी सेना के बीच गलवान घाटी में हुई मुठभेड़ में हमीरपुर जिला के भोरंज विस क्षेत्र के कड़ोहता गांव के अंकुश ठाकुर शहीद हुए थे। लेकिन अब प्रदेश सरकार ने ऐलान किया है कि जिस स्कूल में शहीद अंकुश ठाकुर 9वीं से 10वीं कक्षा तक स्कूल में पढ़े थे। अब उस स्कूल का नाम शहीद अंकुश ठाकुर होगा।
मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्रिमंडल ने गलवान हमले के शहीद अंकुश ठाकुर के सम्मान में जिला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मनोह का नाम बदलकर शहीद अंकुश ठाकुर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मनोह रखने को सहमति प्रदान की।जैसे ही इस खबर का पता शहीद अंकुश ठाकुर के पिता अनिल कुमार को चला तो वह भावुक हो गए।
उन्होंने कहा कि जिस स्कूल में अंकुश पढ़ा था आज उस स्कूल का नाम उसके नाम से हो गया है। उन्होंने कहा कि शहादत के बाद उनके बेटे को सम्मान देने के लिए वह प्रदेश सरकार खासकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व स्थानीय विधायक कमलेश कुमारी का आभार प्रकट करते हैं। उन्होंने कहा कि जो अन्य घोषणाएं शहीद अंकुश के नाम की प्रदेश सरकार ने की हैं वे भी जल्द पूरी होंगी, ऐसा उन्हें पूरा भरोसा है।
16 जून, 2020 को लेह की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई मुठभेड़ में भोरंज के कड़ोहता गांव के 19 वर्षीय युवक अंकुश ठाकुर ने शहादत पाई थी। उनकी शहादत के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शहीद के परिजनों को सांत्वना देने स्वयं उनके पैतृक गांव में पहुंचे थे। उस दौरान मुख्यमंत्री ने मनोह स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखने के अलावा शहीद के नाम पर एक बड़ा गेट और श्मशानघाट तक पक्का मार्ग बनाने की घोषणा की थी।
काफी समय तक जब इस दिशा में कुछ नहीं हुआ तो कुछ सप्ताह पहले शहीद अंकुश ठाकुर की माता जी स्वयं जिला प्रशासन के द्वार पहुंची थी और उनके बेटे के नाम पर की गई घोषणाओं को याद करवाया था। हालांकि उस वक्त कहा गया था कि मामला प्रोसेस में है और जल्द ही धीरे-धीरे सभी घोषणाओं का अमलीजामा पहना दिया जाएगा। मंगलवार को कैबिनेट के फैसले के बाद शहीद के परिजनों ने सरकार का धन्यवाद किया है और निवेदन किया है कि सभी घोषणाएं पूरी की जाएं।
कुछ दिन पहले शहीद अंकुश ठाकुर के पिता ने एक वीडियो जारी करते हुए नाराज़गी जताई थी कि कई महीनों से उनकी मांगे पूरी नही हुई है। जो वायदे सरकार ने उनसे किए थे वो अभी तक धरातल पर नहीं उतरे हैं लेकिन अब जाकर प्रदेश सरकार ने मांगों को अमलीजामा पहनाने का फैसला किया है। इस फैसले से शहीद के पिता काफी खुश हैं और प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया है।