शिमला, 23 फरवरी : प्रदेश के पंचायतीराज विभाग ने जिला पंचायत अधिकारियों को एक सर्कुलर के माध्यम से अलर्ट किया है। इसके मुताबिक महिला पंचायत प्रधान व अन्य पंचायतीराज प्रतिनिधियों के कार्यों में पति या उनके पुरुष रिश्तेदार हस्तक्षेप नहीं करेंगे। ये सर्कुलर विभाग के अतिरिक्त निदेशक के स्तर पर जारी किया गया है। इसमें 19 जुलाई 2017 को जारी निर्देशों की तरफ भी ध्यान आकर्षित किया गया है।
जिला पंचायत अधिकारियों को पंचायतों के लिए निर्देश जारी करने को कहा गया है कि पंचायत के कार्यों में महिला पदाधिकारियों के पति या पुरुष रिश्तेदार हस्तक्षेप नहीं करेंगे। उन्हें पंचायत की बैठकों, बीडीओ कार्यालय से संबंधित कार्यों व किसी भी बैठक में उपस्थित होने की मनाही की गई है। सवाल उठता है कि विभाग को 19 जुलाई 2017 के आदेशों की पुनरावृति क्यों करनी पड़ी है। इसको लेकर जानकारों का कहना है कि बड़ी संख्या में महिलाएं पंचायतीराज संस्थाओं की प्रतिनिधि बनी हैं।
हर बार की तरह इस बार भी ये आरोप लग सकते हैं कि महिला प्रधानों के पति दखल दे रहे हैं। लिहाजा, समय रहते ही विभाग ने निर्देश जारी करना ही मुनासिब समझा है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि अगर इन निर्देशों की अवहेलना होती है तो विभाग क्या कार्रवाई करेगा, लेकिन इतना जरूर है कि विभाग को आने वाले समय में इन निर्देशों से जुड़ी शिकायतें मिलने का सिलसिला शुरू हो सकता है।