हमीरपुर/शिमला 21 फरवरी : जनपद की लंबरी पंचायत में कार्यरत एक आंगनबाड़ी हेल्पर की शिमला में मौत हो गई। आंगनवाड़ी हेल्पर को 29 जनवरी को कोरोना वैक्सीन का इंजेक्शन लगा था। इंजेक्शन लगने के बाद 5 फरवरी को तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद स्थानीय स्तर पर चेकअप करवाया गया। वहां से हमीरपुर अस्पताल भेजा गया।
6 फरवरी को जब तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी तो टांडा स्थित मेडिकल कॉलेज में रैफर किया गया। लेकिन वहां पर भी हालत में सुधार नहीं हो पाया। वहां वह कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर थी। उसके बाद 20 फरवरी को टांडा से आईजीएमसी शिमला रैफर कर दिया गया । वहां पहुंचने के कुछ ही घंटों के बाद रविवार सुबह 5 बजे के करीब मौत हो गई।
ग्राम पंचायत लंबरी प्रधान धनीराम ने बताया कि कोरोना वैक्सीन लगने के कुछ दिनों बाद महिला की तबीयत खराब हुई थी। रविवार को सूचना मिली कि महिला की आईजीएमसी शिमला में मृत्यु हो गई है। एसएचओ सुजानपुर सुभाष शास्त्री ने बताया कि आईजीएमसी शिमला से महिला की मौत की सूचना मिली है।
उधर सीएमओ हमीरपुर अर्चना सोनी ने बताया कि एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की शिमला में मृत्यु हुई है। कुछ दिनों पहले उन्हें कोरोना वैक्सीनेशन का टीका लगा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मृत्यु के कारणों का पता लग पाएगा। कुल मिलाकर इस स्तर पूरी तरह से वैक्सीन को मौत का जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है, निष्पक्ष मेडिकल जांच से ही सही वजह का खुलासा हो सकता है। अगर मौत की वजह वैक्सीन ही है तो मामला गंभीर है।
उधर शिमला से मिली जानकारी के मुताबिक आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि टीके से इस महिला की मौत नहीं हुई है। जानकारी अनुसार महिला हार्ट व नसों की बीमारी से भी ग्रसित थी। महिला की पहचान (56) प्रोमिला के रूप में हुई है। डॉक्टरों के अनुसार इस महिला को पहले चरण में कोरोना की वैक्सीन लगी थी। लेकिन वह कोरोना से पीड़ित नहीं थी।
आईजीएमसी के एमएस डॉक्टर जनक राज ने बताया कि टांडा से रैफर एक महिला की आज आईजीएमसी में मौत हुई है। पोस्टमार्टम के बाद मौत के कारणों का पता चलेगा।