नाहन, 19 फरवरी : साल 2000 में बहन अंजना शर्मा पुलिस विभाग में बतौर महिला आरक्षी नौकरी हासिल करती है। इस समय 97 साल के हो चुके पिता चेतराम शर्मा का उस वक्त इतना समर्थ नहीं था कि वह खेती के बूते अपने जुड़वां बेटों का कैरियर संवारने में आर्थिक इम्दाद कर पाए। यही वजह रही कि बहन के कंधों पर जुड़वा भाइयों गौरी दत्त व क्षमा दत्त शर्मा की पढ़ाई की जिम्मेदारी भी आ गई। भाइयों की सफलता से “बेटी है अनमोल” की कहावत एक बेमिसाल तरीके से सार्थक हुई है, ऐसा उदाहरण शायद ही पहले सामने आया हो।
राजगढ़ उपमंडल नेरी कोटली पंचायत के थनोह गांव के रहने वाले परिवार मे जन्मे जुड़वां भाई ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के लिए नाहन आ गए। बड़े भाई जीडी शर्मा ने कला संकाय को चुना, जबकि छोटे भाई केडी दत्त ने विज्ञान संकाय को चुनने का फैसला लिया था।
लेडी कॉन्स्टेबल अंजना शर्मा ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान भाइयों को आर्थिक इम्दाद मुहैया करवाई। निश्चित तौर पर वेतन से दो भाइयो की पढ़ाई का खर्च वहन करने की वजह से लेडी कांस्टेबल को अपनी इच्छाओं की तिलांजलि भी देनी पड़ी होगी।
2005 में ग्रैजुएट होने के बाद भाइयो ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी। भाई लायक थे, इस कारण 2006 में एक साथ ही जुड़वां भाइयों को पुलिस में आरक्षी के पद पर नौकरी मिल गई। साथ ही आत्मनिर्भर भी हो गए। लेकिन, वो चैन से बैठने वाले नहीं थे। दोबारा प्रतियोगितात्मक परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। 2008 में एक साथ ही सब इंस्पेक्टर बन गए। इसके 6 साल बाद 2014 में दोनों भाइयों को पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर बनने का गौरव हासिल हुआ।
रोचक बात यह है कि पूरे कैरियर में हर पल साथ चलने वाले जुड़वां भाइयों में केवल एक ही अंतर आया है, वह यह कि बड़े भाई जीडी शर्मा लगभग 3 महीने पहले डीएसपी बन गए थे, जबकि छोटे भाई केडी शर्मा को यह रुतबा 17 फरवरी 2021 को हासिल हुआ है।
जुड़वां भाइयों की इस कामयाबी में बहन अंजना शर्मा की तो अहम भूमिका रही ही है। साथ ही पिता चेतराम शर्मा व मां सुभद्रा देवी की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। 15 अक्टूबर 1983 को जन्मे जुड़वां भाइयों को 3 साल बड़ी बहन अंजना शर्मा से हर स्नेह हासिल हुआ। ग़ौरतलब है कि जुड़वां भाइयों ने बेसिक ट्रेनिंग पीटीसी डरोह में 2009-10 में एक साथ ही पूरी की थी। भाइयों के जन्म में केवल 1 घंटे का अंतर है।
डीएसपी केडी शर्मा..
डीएसपी क्षमा दत्त शर्मा ने मैट्रिक की पढ़ाई राजगढ़ के फागू से 2000 में की। इसके बाद राजगढ़ से जमा दो की पढ़ाई पूरी करने के बाद नाहन का रुख कर लिया। दसवीं तक अपनी कक्षा में टॉपर रहे। 2005 में नॉन मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए नाहन आए। बीएससी के बाद कालाअंब से B.Ed की शिक्षा हासिल की। जहां तक पुलिस विभाग में उपलब्धियों का सवाल है तो बेशुमार उपलब्धियां हासिल कर चुके हैं। पुलिस थाना बद्दी में अतिरिक्त थाना प्रभारी के तौर पर सेवाएं दी। इसके बाद बरोटीवाला में थाना प्रभारी के पद पर भी तैनात रहे।
आपको बता दें कि डीएसपी केडी शर्मा ने 10 ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी को सुलझाया है। इसी के मद्देनजर उन्हें डीजीपी डिस्क से भी सम्मानित किया गया था। मनाली में करीब ढाई साल तक बतौर थाना प्रभारी अपनी सेवाएं देने के दौरान 7 ब्लाइंड मर्डर की मिस्ट्री को बेपर्दा किया। एक विदेशी महिला के साथ हुए गैंगरेप को भी केडी शर्मा ने अपनी सूझबूझ से ही चंद घंटों में सुलझा दिया था।
मनाली में सराहनीय सेवाओं के लिए तीसरी बार डीजीपी डिस्क के लिए अनुमोदन हुआ था। मौजूदा में वह राज्यपाल की सुरक्षा में बतौर डीएसपी तैनात हो गए हैं। राज्यपाल द्वारा भी सराहनीय सेवाओं के लिए मेडल व प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा चुका है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में डीएसपी केडी शर्मा ने कहा कि यदि आदमी की इच्छा शक्ति प्रबल हो साथी ही इरादे भी मजबूत हो तो लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है।
डीएसपी जीडी शर्मा…
डीएसपी गौरी दत्त शर्मा को 30 अक्टूबर 2020 को प्रमोशन हासिल हो गई थी। इंस्पेक्टर रहने के दौरान कई सराहनीय कार्य किए। कोटखाई में ढाई साल तक थाना प्रभारी रहे। इसके अलावा ठियोग व बालूगंज में भी बेहतरीन सेवाएं प्रदान की। स्टेट विजिलेंस व एंटी करप्शन ब्यूरो में भी भ्रष्टाचार के उन्मूलन को लेकर बेहतरीन सेवाएं प्रदान करने का अवसर हासिल किया।
थाना प्रभारी के तौर पर सेवाएं देने के दौरान 10 मर्डर मिस्ट्री को बेपर्दा करने में सफलता हासिल की। एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामलो में वित्तीय जांच की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई। इसके अलावा जघन्य अपराध के कई मामलों में अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। डीएसपी जीडी शर्मा की शिक्षा भी भाई के साथ एक ही स्कूल में हुई थी। कॉलेज में पढ़ाई दौरान भूगोल विषय में टॉप किया था।
आपके जहन में ये सवाल भी उठ रहा होगा कि जब जुड़वां भाइयो का सब कुछ एक साथ रहा तो एक पहले कैसे डीएसपी बन गया, दरअसल विभागीय परीक्षा में जीडी शर्मा को भाई से 2-3 अंक ज्यादा हासिल हुए थे, इसी कारण वो पहले डीएसपी बन गए।