शिमला 18 फरवरी : हिमाचल प्रदेश में हुए करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले की छानबीन में जुटी सीबीआई की जांच में नए तथ्ये सामने आए हैं। जांच में पाया गया है कि 265 करोड़ में से 55 करोड़ की रकम ही छात्रवृत्ति के रूप में छात्रों में बंटी। शेष 210 करोड़ की छात्रवृति को 26 निजी संस्थानो ने हड़प लिया। इस तरह सीबीआई जांच में सिर्फ 55 करोड़ के आसपास ही छात्रवृत्तियों की रकम सही पाई गई है और बाकी की सारी रकम संस्थानो ने ही हड़प ली है। छात्रवृति देने में ऐसी अनियमता बरती गई कि 90 फीसदी स्कॉलरशिप में संस्थानो ने फर्जीवाड़ा कर दिया। छात्रवृति हड़पने में हिमाचल व पंजाब के कई संस्थान शामिल हैं।
265 करोड़ के कथित छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की छानबीन में सामने आया है कि सिर्फ प्री मेट्रिक और सरकारी संस्थानो में फर्जीवाड़ा सामने नहीं आया है। अभी तक की जांच में 38 हजार के आसपास छात्रवृत्तियां फर्जी पाई जा चुकी है। सीबीआई ने ऐसे 38 हजार छात्रो की भी पहचान कर ली है, जिनके नाम पर स्कॉलरशिप हड़पने के लिए निजी शिक्षण संस्थानो ने बाहरी राज्य में जाकर बैंको में छात्रो के फर्जी खाते खोले।
प्राप्त जानकारी के अनुसार छात्रवृति का पैसा हड़पने के लिए छात्रो से एडमीशन के समय साईन किए हुए खाली चैक, खाली बाउचर लिए गए और यही खाली चैक और बाउचर बाद में स्कॉलरशिप का पैसा बसुलने के लिए इस्तेमाल किए गए।
सीबीआई की जांच में यह भी सामने आया है कि राष्ट्रीयकृत बैंको की मिलिभगत से करोड़ो के भ्रष्टाचार का खेल खेला गया। बैक में छात्रो के खाते बिना आधार कार्ड के ही खोले गए। यहां तक की बैक में खोले गए छात्र के नाम से खाता में निजी शिक्षण संस्थानो के प्रबधको ने अपने मोबाईल नंबर दे दिए, ताकि छात्र के बैंक खाते में पडने वाली स्कॉलरशिप की राशी का मोबाईल पर मैसज आ जाए और मैसेज आते ही छात्र से एडमीशन के समय में लिया गया साईन किया हुआ चैक इस्तेमाल कर स्कॉलरशिप की राशी निकाल ली जाए।
यही नहीं छात्रवृति की राशी ज्यादा डकारने के लिए एससी छात्रो के फर्जी एसटी प्रमाण पत्र बनाकर एसटी छात्र के नाम पर 98 हजार की छात्रवृति ले ली। सीबीआई की जांच अब जैसे जैसे आगे बढ़ रही है उसमें अब और चैकाने वाले तथ्य सामने आ रहे है। सीबीआई को अंदेशा है कि हिमाचल में सभी स्कॉलरशिप देने में अनियमता बरती गई है । सीबीआई का कहना है कि इतना तय है कि इस भ्रष्टाचार के खेल में निजी शिक्षण संस्थानों के प्रबधकों के अलावा बैंको के भी प्रबधक नपेंगे। सीबीआई जल्द ही इन पर शिकंजा कसने की तैयारी में है।
सीबीआई की जांच में सामने आ रहा है कि कुछ संस्थानों ने उन छात्रों के दस्तावेजों को भी अपने पास रख लिया जिनको काउंसिलिंग के बाद एडिमशन नहीं मिली। इन संस्थानों में हिमाचल से कई छात्र एडमिशन के लिए गए थे, लेकिन बाद में इन छात्रों को कोई एडमिशन नहीं मिल पाई। कई छात्रों ने दूसरे संस्थानों का रूख किया। लेकिन इस दौरान इन संस्थानों ने इनके दस्तावेजों की कापियां अपने पास रख दीं। इनमें शैक्षणिक योग्यता के अलावा अन्य जरूरी प्रमाण पत्र भी थे। इन छात्रों के बैंक अकाउंट और आधार कार्ड की कापियां भी ली गईं। बाद में इन प्रमाण पत्रों का दुरुपयोग किया गया।