शिमला/नाहन, 18 फरवरी : स्टेट विजिलेंस व एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने लोक निर्माण विभाग में जूनियर असीस्टेंट द्वारा कर्मचारियों के चिकित्सा व टीए इत्यादि बिलों में गबन के मामले में चार्जशीट दाखिल की है। मामला, 2017 का है। विजिलेंस ने मामला दर्ज करने के बाद जांच की थी। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि जूनियर असीस्टेंट द्वारा कर्मचारियों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिल, टीए बिल व जीपीएफ को संशोधित करने इत्यादि में सरकारी रिकाॅर्ड से छेड़छाड़ कर लगभग 10 लाख का गबन किया था। उस समय वो बिल क्लर्क का कार्य भी देख रहा था।
विजिलेंस को पता चला कि टोकन रजिस्टर में हेराफेरी करने के बाद झूठे बिल तैयार किए जाते थे। कर्मचारियों के खाते में राशि को हस्तांतरित करने की बजाय अपने खाते में स्थानांतरित करवा लेता था। विजिलेंस को पता चला कि इस माॅडस ऑपरेंडी से उसने दो सालों के भीतर अपने खाते में लगभग 10 लाख रुपए की राशि ट्रांसफर की थी। अभियोजन स्वीकृति प्राप्त करने के बाद विजिलेंस ने 17 फरवरी को नाहन की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। ये चार्जशीट धोखाधड़ी, गबन, भ्रष्टाचार व अभिलेखों के गलत इस्तेमाल के आधार पर दायर की गई है।
स्टेट विजिलेंस व एंटी क्रप्शन के अतिरिक्त महानिदेशक अनुराग गर्ग ने चार्जशीट दाखिल होने की पुष्टि की है। इसी बीच यह भी बताया जा रहा है कि विभाग द्वारा जूनियर असीस्टेंट राजू राम को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था।