हरिपुरधार/ सुरेंद्र चौहान
शिलान्यास व लोकापर्ण को लेकर नेता खासे उत्साहित रहते हैं। यहां एक दिलचस्प मामला सामने आया है। सूबे में 9 साल पहले धूमल सरकार काबिज थी। 6 जुलाई 2012 को तत्कालीन शहरी विकास मंत्री के तौर पर महेंद्र सिंह ठाकुर ने हरिपुरधार में 25 लाख रुपए की लागत से उप सब्जी मंडी का शिलान्यास किया था। शिलान्यास के 8-9 सालों बाद भी मंडी का निर्माण नहीं हुआ। साफ था कि उस समय चुनाव की दहलीज पर प्रदेश था। आनन-फानन में शिलान्यास किया गया होगा। खैर, चंद रोज पहले लोगों ने शिलान्यास को लेकर सवाल उठाए।
मीडिया में खबरें प्रकाशित हो गई। इसके बाद आनन-फानन में शिलान्यास पट्टिका ही गायब हो गई। संशय जाहिर किया जा रहा है कि शर्मिंदगी की वजह से ऐसा किया गया होगा। दिलचस्प बात यह भी है कि इस समय भी भाजपा की सरकार सत्ता में काबिज है। लोगों की मानें तो तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने उप सब्जी मंडी के निर्माण के लिए 25 लाख की घोषणा भी कर दी थी। शायद ऐसा भी कम ही देखने को मिलता होगा, जब अपनी ही सरकार में अपनों द्वारा किए गए शिलान्यास की पट्टिका को गायब किया गया हो।
अगर कांग्रेस की शिलान्यास पट्टिका होती तो शायद मामला दर्ज करने की मांग भी उठती। यहां तो सत्तापक्ष पर ही शिलान्यास पट्टिका को गायब करने के आरोप लग रहे हैं। गौरतलब है कि नौहराधार में भी उप सब्जी मंडी का शिलान्यास किया गया था। बताते हैं वहां तो दो साल पहले ही पट्टिका को गायब कर दिया गया था। कुल मिलाकर शर्मिंदगी महसूस हुई होगी तो शिलान्यास पट्टिका के बाद हरिपुरधार में उप सब्जी मंडी का निर्माण पूरा करने के बाद उदघाटन पट्टिका भी लगाई जाएगी।