मंडी, 18 फरवरी : कोरोना काल के कारण लंबे अंतराल के बाद हिमाचल प्रदेश के स्कूल नियमित रूप से संचालित हो रहे हैं। ऐसे में स्कूल आने वाले बच्चों को कोरोना के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने हर स्कूल तक पहुंचने का एक अनूठा प्रयास शुरू किया है। इस रिपोर्ट में जानिए जिला प्रशासन की इस अनूठे प्रयास के बारे में।
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लंबे अंतराल तक प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थान बंद रहे। अब राज्य सरकार ने इन शिक्षण संस्थानों को नियमित रूप से संचालित कर दिया है। बच्चे रोजाना नियमित रूप से स्कूल आकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। लेकिन इस वैश्विक महामारी के कारण बच्चों पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े, इसके लिए जिला प्रशासन ने स्कूली बच्चों को जागरूक करने का कार्य शुरू कर दिया है। जिला रेडक्रॉस सोसायटी ने जिला भर में ’’सर्व’’ के नाम से वालंटियरों की फौज खड़ी की है। जिला में सर्व वालंटियरों की संख्या 10612 है जबकि 172 वालंटियर मास्टर ट्रेनर हैं। हालांकि यह वालंटियर और ट्रेनर आपदा के समय मदद करते हैं लेकिन कोरोना काल में भी इन्होंने अपनी बेहतरीन सेवाएं दी थी। अब स्कूल खुलने पर जिला प्रशासन ने फिर से इनकी मदद ली है।
डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि सर्व के वालंटियर मास्टर ट्रेनर अपने-अपने क्षेत्रों के सभी सरकारी और नीजि स्कूलों में जाकर बच्चों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बच्चे सबसे बेहतरीन संदेशवाहक होते हैं और उनके माध्यम से घर गांव तक इस जागरूकता को पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। डीसी ने कहा कि जब तक कोरोना वैक्सीन सभी को नहीं लग जाती तब तक इससे बचाव के नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है।
वहीं सर्व के वालंटियर मास्टर ट्रेनर रोजाना अपने क्षेत्र के सरकारी और नीजि स्कूलों में जाकर बच्चों को कोरोना से बचाव के उपाय बता रहे हैं। सर्व वालंटियर ज्योति पठानिया ने बताया कि वह बच्चों को बार-बार हाथ धोने, सैनेटाईज करने, दो गज की दूरी रखने और किसी भी वस्तु को बेवजह न छूने को लेकर जागरूक कर रहे हैं।
वहीं स्कूली बच्चे भी उन्हें दिए जा रहे ज्ञान को लेकर खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं। स्कूली छात्रा जागृति ने बताया कि रैडक्रास के माध्यम से उन्हें बेहतरीन जानकारी मिली है और वह उनका पूरी तरह से पालन भी कर रही हैं।
निश्चित रूप से कोरोना जैसी महामारी से बचाव में जागरूकता ही सबसे बेहतरीन माध्यम बनकर सामने आया है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हम जागरूकता के इन प्रयासों को निरंतर जारी रखें और कोरोना से लड़ाई के लिए बनाए गए नियमों का पालन करते रहें।