हरिपुरधार/सुरेंद्र चौहान : लगभग 3 महीनों के अंतराल से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक बार फिर कोविड संक्रमण ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में यह पहला मामला देखने को मिला है। जबकि स्कूलों के खुलते ही इन दिनों सीएचसी में लगातार रेपिड प्रणाली द्वारा कोविड टेस्ट किए जा रहे हैं और विभिन्न क्षेत्रों के टीचर्स अपने टेस्ट करवा रहे है। इसी के चलते यहां 4-5 दिनों के भीतर लगभग 150 से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं। इनमें से स्वास्थ्य केन्द्र में 1 महिला और 1 पुरुष पॉजिटिव पाए गए हैं। लोगों में एकाएक हड़कप मच गया है। क्योंकि चुनाव के दौरान लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग की खुले आम धज्जियाँ उड़ा रखी है।
स्टाफ की कमी के चलते हो रही परेशानी
ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं के बीच सीएससी हरिपुरधार में रिक्त पड़े पदों की वजह से संस्थान में कार्यरत एकमात्र डॉक्टर शोभित के कंधो पर, भारी भरकम बोझ बड़ता जा रहा है। जबकि हरिपुरधार स्वास्थ्य केंद्र में ओपीडी रोजाना 100 से अधिक रहती है और कोविड प्रोटोकॉल का भी विशेष ध्यान रखना जरूरी है। ऐसी स्थिति में एकमात्र डॉक्टर को दोपहर का भोजन तक नसीब नहीं होता।
खुले आसमान के नीचे करना पड़ता है इंतजार
अस्पताल में वेटिंग करने के लिए रोगियों व उनके तिमारदारों के लिए बैठने की कोई भी व्यवस्था नहीं है। मरीजों को इंतजार खुले आसमान के नीचे ही करना होता है। सीएससी का अग्रिम स्थल पक्का नहीं हुआ है। कच्ची सड़क में ट्रैफिक चलने की वजह से अस्पताल परिसर में मिटटी उड़ती रहती है। जबकि परिसर के अंदर लोगों को बैठने की व्यवस्था भी नहीं है।
सामाजिक संस्थाओं व सोशल कमेटियों ने की मांग क्षेत्र की जनता व विभिन्न गावों की समितियों ने मांग की है कि स्वास्थ्य केंद्र में भारी ओपीडी के चलते यहां पर्याप्त मात्रा में स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधाएँ उपलब्ध होना अति आवश्यक है। महिला मंडल हरिपुरधार, दियूडी-खड़ाह, टिकरी ड्साकना, महिला मंडल रनवा, व्यापार मंडल हरिपुरधार, मंदिर सेवा समिति हरिपुरधार तथा अनेकों संगठनों ने सरकार के ढुल-मुल रवैये झूठे वादे व आश्वासनों की घोर निन्दा की है। उक्त सुविधाएँ उपलब्ध न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।