सोलन, 15 फरवरी : 2008 में यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल मार्ग को केंद्र सरकार ने निजी कंपनी के हाथों सौंपने की तैयारी की है, जिसका आम आदमी पार्टी की हिमाचल प्रदेश इकाई ज़ोरदार विरोध करती है। ज्ञातव्य है कि रेल विभाग ने इस ट्रैक का अध्ययन करने व पब्लिक प्राइवेट पार्टनर शिप मोड पर सौंपने का उत्तरदायित्व रेल भूमि विकास प्राधिकरण को दिया है, जो चार महीने में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता कल्याण भंडारी ने जारी बयान में कहा कि उक्त वर्ल्ड हेरिटेज रेल मार्ग पर दौड़ने वाली “टॉय ट्रेन” पर रोजाना तकरीबन डेढ़ हजार पर्यटक सफर कर हसीन प्राकृतिक वादियों के कुदरत के नजारों का लुत्फ उठाते हैं। पर्यटन मौसम में यात्रियों का यह आंकड़ा दुगने से भी ज्यादा हो जाता है। ऐसे में रेलवे विभाग का तर्क समझ से परे है कि उक्त मार्ग घाटे पर चल रहा है। वर्ष 1903 से संचालित इस ऐतिहासिक रेल ट्रैक को किसी निजी संस्था को बेच देना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा व रेल मुलाजिमों और आम जनता को साथ लेकर जन आंदोलन खड़ा किया जा सकता है।
कल्याण भंडारी ने कहा कि भाजपा की “डबल इंजन की सरकार” सूबे में पूरी तरह से फेल हो चुकी है। क्योंकि न तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और न ही केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश के हितों की पैरवी एवं सुरक्षा कर पाए हैं। भंडारी के अनुसार प्रदेश भाजपा सरकार राज्य के कर्मचारियों के साथ पिछले चुनावों में किए गए वायदों को अमलीजामा पहनाने में नाकामयाब साबित हो चुकी है, जिनमें अनुबंध कार्यकाल को दो वर्ष करना, ओल्ड पेंशन योजना की बहाली के लिए कमेटी का गठन करना, 4-9-14 की वेतन विसंगतियों को दूर करना इत्यादि शामिल है। अब सरकारी धरोहर को प्राइवेट ऐजेंसी को बेच देने की प्रस्तावित योजना के संदर्भ में रहस्मयी खामोशी आने वाले विधानसभा चुनावों में जयराम सरकार को भारी पड़ेगी।