कुल्लू, 11 फरवरी : आखिर में जिला परिषद कुल्लू की कुर्सी भाजपा को गंवानी पड़ी है। दो सप्ताह से लगातार बैठकों का दौर जारी रहा। जिला से ताल्लुक रखने वाले मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर दो विधायक सुरेंद्र शौरी और किशोरी लाल सहित भाजपा के बड़े नेता महेश्वर सिंह, जिला अध्यक्ष भीम सेन शर्मा लगातार अध्यक्ष पद हथियाने के लिए बैठकें करते रहे, परंतु अंत में नतीजा कोई भी नहीं निकल पाया। अंत में भाजपा ने जब आजाद जीते देवेंद्र नेगी को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार तय किया तो भाजपा के जीवन की हेकड़ी ने भाजपा को सकंट में डाल दिया। यहां आजाद उम्मीदवार जीते पंकज ने कांग्रेस को समर्थन दिया और कांग्रेस अध्यक्ष पद पर भी काबिज किया। वहीं वीर सिंह को उपाध्यक्ष की कमान सौंपी गई।
हालांकि जीवन ने कांग्रेस से दूरी बनाए रखी, लेकिन आत्म सम्मान की लड़ाई के लिए खुद भी अध्यक्ष पद के उम्मीदवार बने। ऐसे में भाजपा को अध्यक्ष पद से हाथ धोना पड़ा है। ऐसे में अब भाजपा की खूब किरकिरी हुई है। क्योंकि जिला कुल्लू से जिला परिषद अध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए जिला में ही नहीं बल्कि प्रदेश हाई कमान और स्वयं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। ऐसे में यह जिला कुल्लू के साथ-साथ प्रदेश भाजपा के लिए भी करारा झटका मिला है।
ग़ौरतलब है कि जिला परिषद के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद को लेकर पेंच फंसा हुआ था। जिस कारण अभी तक अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पाया था। इससे पहले अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का चुनाव करवाने के लिए दो तिथियां निर्धारित की जा चुकी थी, जिसमें कोरम पूरा नहीं हो पाया था।
ऐसे में वीरवार को तीसरी और अंतिम तिथि तय की गई। इससे पहले पहली बैठक चुनाव के लिए 4 फरवरी तय की गई थी लेकिन इस दिन कोई भी सदस्य उपस्थित नहीं हुआ था। उसके बाद दूसरी बैठक 6 फरवरी को रखी गई थी, जिसमें कांग्रेस समर्थित जिप सदस्य और एक सीपीएम सदस्यों को मिलाकर कुल सात सदस्यों ने अपनी हाजिरी लगाई थी। लिहाजा अब वीरवार यानी 11 फरवरी को अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुनाव के लिए अंतिम तिथि तय की गई है।
अब तक तय की गई दो तिथियों में जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव नहीं होने का मुख्य कारण भाजपा के अंदर किसी एक उम्मीदवार पर सहमति नहीं बना पाना रही है। जिस कारण अभी तक भाजपा समर्थित जिला परिषद सदस्य इस चुनाव प्रक्रिया में भाग नहीं ले पाए हैं, लिहाजा 11 फरवरी को इस बैठक में भाजपा के सदस्यों को भी अध्यक्ष-उपाध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा बनना पड़ा है।
भाजपा की बैठक से भागे जीवन
जिला परिषद अध्यक्ष के लिए भाजपा की उम्मीदवारी को लेकर तय नहीं कर पाए थे। जिसको लेकर 12 बजे से संगठन की बैठक चली जिसमें भाजपा की ओर से जीवन ठाकुर और देवेंद्र सिंह ने दावेदारी पेश की थी। लेकिन अंत तक संगठन की किसी एक पर सहमति नहीं बन पाई थी। जब अंत में भाजपा ने देवेंद्र सिंह को दावेदार फाइनल किया तो जीवन ठाकुर इस बैठक से नाराज होकर बाहर निकल गए। उसके बाद समर्थकों के साथ जिला परिषद कार्यालय पहुंचे। इस दौरान समर्थकों ने नारेबाज़ी की। इस दौरान नटवर लाल हाय- हाय के नारे लगाए।