शिमला, 11 फरवरी : मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद् द्वारा आयोजित युवा विज्ञान पुरस्कार समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में विद्यार्थियों को विज्ञान विषय को अपना कर उन्हें अनुसंधान के लिए प्रेरित करने के लिए युवा विज्ञान पुरस्कार योजना की शुरूआत की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2018 में 47 विद्यार्थियों, वर्ष 2019 में 30 विद्यार्थियों और आज के इस कार्यक्रम में इस वर्ष 46 विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया है। उन्होंने कहा कि यह विद्यार्थियों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करने में सहायक सिद्ध होगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और आवश्यकता केवल इस बात की है कि विद्यार्थियों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का दूसरा सबसे अधिक साक्षर राज्य है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने विद्यार्थियों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि छात्रों को वर्चुअल माध्यम से पढ़ाया जाए और इसका सफलतापूर्वक कार्यान्वित भी किया गया। उन्होंने कहा कि कक्षा की पढ़ाई का कोई अन्य विकल्प नहीं है और विद्यार्थियों ने उन्हें लाॅकडाउन के दौरान और इसके बाद कक्षाएं शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अब संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आने के कारण प्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों की सुविधा के लिए विद्यालयों को खोलने का निर्णय लिया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद् ने विज्ञान को बढ़ावा देने व लोकप्रिय बनाने के लिए वर्ष भर बाल विज्ञान सम्मलेन, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, राष्ट्रीय गणित दिवस, ग्रहण अवलोकन जैसे विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों का विद्यार्थियों, वैज्ञानिकों और गणितज्ञ पर विशेष प्रभाव पड़ा और उन्होंने इन कार्यक्रमों में विशेष रूचि दिखाई।
मुख्यमंत्री ने सभी पुरस्कार विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरित किए। पुरस्कार विजेता विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि उत्कृष्ट विद्यार्थी नए ज्ञान की खोज करेंगे और भविष्य में वैज्ञानिक बनकर उभरेंगे और शीर्ष स्थान हासिल कर देश व प्रदेश का नाम रोशन करेंगे।
मुख्य सचिव अनिल खाची, हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद् के सदस्य सचिव सुदेश कुमार मोखटा, निदेशक उच्चतर शिक्षा डाॅ. अमरजीत शर्मा, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा शुभ करण सिंह, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क हरबंस सिंह ब्रसकोन और अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।