नाहन, 8 फरवरी : सिरमौर में पैसे की लेनदेन को लेकर ऑडियो सामने आया है। जिससे कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उधर, मामला सामने आने के बाद विभाग ने जांच शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग के तहत ही चलाए जाने वाले एक प्रोजैक्ट में एनजीओ द्वारा कर्मियों के वेतन पर डाका डाले जाने का कथित ऑडियो सामने आया है। मामला हिमाचल प्रदेश स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी (HPSACS) के संज्ञान में भी आ चुका है। जिसके बाद विभाग के आलाधिकारी मामले में जांच की बात कह रहे हैं।
उधर, संबधित मामले में प्रोजैक्ट मैनेजर सुमन लाल, अकांउटेंट दीप राम, कांऊसलर वंदना चौहान, ओ.आर.डब्ल्यू. राहुल शर्मा सहित अन्य कर्मियों जयावंती, वनिता, महेश, गौरव, नदीम आदि ने बताया कि वह एचपीएसएसीएस के तहत सोशल एक्शन फांउडेशन के टीआईपी नाहन/कालाअंब में सेवाएं दे रहे थे। उन्होंने बताया कि संस्था को एचपीएसएसीएस द्वारा फंडिंग की जाती है। जिसमें से कर्मियों का वेतन व अन्य खर्चे दिए जाते हैं।
कर्मियों ने आरोप लगाया कि एनजीओ के प्रोजैक्ट डायरेक्टर अनुप कुमार द्वारा उन्हें मौखिक तौर पर वेतन से 25 प्रतिशत एनजीओ को वापिस करने के लिए कहा गया। लेकिन जब कर्मियों ने उनके बैंक खाते में आने वाले वेतन से 25 प्रतिशत वापिस करने को इन्कार किया तो प्रोजैक्ट डायरेक्टर द्वारा कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया। उन्होंने बताया कि संस्था के तहत काम करने वाले समुदाय के लोगों को गोपनीयता भंग करने तक की धमकी दी गई है।
कर्मियों ने कहा कि एनजीओ के प्रोजैक्ट डायरेक्टर की रिकार्डिंग उनके पास है, जिसमें साफ पता चलता है कि किस प्रकार प्रोजैक्ट डायरेक्टर कर्मियों के वेतन से डोनेशन (Donation) के नाम पर पैसे की मांग कर रहा है। पैसे न देने वाले कर्मियों को नौकरी छोडऩे की धमकी दी जा रही है। बाद में उन्हें आनन-फानन में बिना नोटिस के बाहर भी निकाला जा रहा है।
कर्मियों ने एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क को बताया कि मामले को लेकर सीएमओ सिरमौर, जिला श्रम अधिकारी एवं एचपीएसएसीएस को शिकायत की गई है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उधर, अभी तक कोई कार्रवाई न होना कई बड़े सवाल भी खड़े कर रहा है।
ऐसे में सरकार व संबंधित विभागों को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि इस प्रकार की एनजीओ सरकार के अधीन चलने वाले प्रोजेक्ट्स के पैसे पर इस तरह से डाका न डाल सके और अन्यों को भी सबक मिले।
बता दें कि सरकार द्वारा कई प्रोजैक्टस को क्रियान्वित करने के उद्देश्य से एनजीओ की सहभागिता ली जाती है। इसमें एनजीओ को प्रोजैक्ट आबंटित किया जाता है। इसके तहत एक तय सिस्टम में सरकार ही राशि को जारी करती है। इसमें एनजीओ द्वारा नियुक्त किए जाने वाले कर्मचारियों का वेतन भी होता है।
उपनिदेशक(एचपीएसएसीएस) शिमला मीना कुमारी ने बताया कि नाहन-कालाअंब में चलने वाले प्रोजैक्ट के तहत कर्मियों के वेतन से पैसे की मांग व अन्य कई आरोपों को लेकर जानकारी मिली है। मामले में जांच शुरू कर दी है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
उधर इस बारे में सीएमओ डाॅ. केके पराशर का कहना है कि मामले को लेकर कर्मियों की तरफ से शिकायत मिली है। शिकायत के आधार पर आगामी कार्रवाई की जा रही है।
वहीं पूछे जाने पर प्रोजेक्ट डायरेक्टर का कहना था कि कर्मियों द्वारा साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। जो भी आरोप लगाए गए हैं सभी निराधार हैं। कर्मियों को ऑनलाइन सीधे उनके बैंक खाते (Bank Account) में वेतन डाला जाता है। जिसका बाक़ायदा रिकार्ड है। 3 माह के लिए प्रोजैक्ट मिला है। ऐसे में सभी से बेहतर काम करने को कहा गया है।