नाहन:
देश भर में खूबसूरती निखार के क्षेत्र में “खादी वेदा” का डंका बजता है। हिमाचल में नाहन पहला ऐसा शहर बना है, जहां इन प्रोडक्ट्स को उपलब्ध करवाया गया है। इसके सूत्रधार शहर के नामी कारोबारी श्री मनमोहन अरोड़ा बने हैं।
18 जड़ी-बूटियों से प्राचीन विधि द्वारा इन प्रोडक्ट्स को तैयार किया जाता है। अहम बात यह है कि इन प्रोडक्ट्स में किसी भी तरह के कैमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता। यही कारण है कि युवाओं खासकर महिलाओं में इसको लेकर खासा क्रेज रहता है। खास बात ये है कि इन प्रोडक्ट्स को हिमालय की दुर्लभ जड़ी बूटियों से बनाया गया है।
आयुर्वेद प्राचीन भारत की एक धरोहर है। इसे आज के वक्त के दृष्टिगत मार्किट में उतारा गया है। “खादी वेदा”_ || khadi || VEDA का दावा है कि आयुर्वेद के मंत्र से तैयार ब्यूटी प्रोडक्ट्स से कोई भी नुकसान नहीं है। चूंकि इन प्रोडक्ट्स को पूरी तरह से आयुर्वेद की विधि पर ही केंद्रित किया गया है, यही कारण है कि इस्तेमाल के साइड इफेक्ट्स नहीं हैं।
कारोबारी श्री मनमोहन अरोड़ा का कहना है कि जल्द ही पूरे प्रदेश में प्रोडक्ट्स उपलब्ध हो जाएंगे। इसके लिए नेटवर्क तैयार हो चुका है। अगर कोई इसे मंगवाना चाहता है तो कूरियर के माध्यम से भी उपलब्ध होंगे। इसके लिए मोबाइल #75800-20777 पर संपर्क किया जा सकता है। चूंकि पहली बार इन प्रोडक्ट्स को हिमाचल में लाॅन्च किया जा रहा है, यही कारण है कि पहले 101 ग्राहकों को 5 प्रतिशत छूट के अलावा फ्री शीपिंग का ऑफर भी दिया है।
क्लिक पर देखें || khadi || VEDA के प्रोडक्टस की विवरणिका
इसमें कोई दो राय नहीं है कि हर्बल काॅस्मैटिक मैन्यूफैक्चरिंग का आधार ही जड़ी-बूटियां होती हैं। इसमें चंदन, हल्दी, तुलसी, नीम, एलोवेरा, नारियल तेल व लौंग इत्यादि का इस्तेमाल होता है। अमित का यह भी कहना है कि इन प्रोडक्ट्स को लाॅन्च करने से पहले गुणवत्ता को लेकर पूरी तसल्ली की गई है।
सीआईआई के एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में आयुर्वेदिक सेक्टर को देशवासियों ने पलकों पर बिठा लिया है। यही कारण है कि भारत वर्ष में आयुर्वेदिक कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट्स का कारोबार 30 हजार करोड़ पार कर गया है। बस अब केवल इस्तेमाल करने वालों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि सही ब्रांड का उपयोग कर रहे हैं।
आयुर्वेद के सौंदर्य उत्पाद की खूबियां
जड़ी बूटियां सौंदर्य प्रसाधन, कृत्रिम और रसायन युक्त उत्पादों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित उपाय के तौर पर देखे जाने लगे हैं। सौंदर्य प्रसाधन के तौर पर जड़ी- बूटियों के इस्तेमाल को सदियों से सराहा गया है। परंपरागत रूप से हर्बल नुस्खों के जरिये कई तरह के सौंदर्य प्रसाधनों को तैयार कर सेहत की सुरक्षा बेहतर तरीके से कर सकते हैं। घातक कृत्रिम रसायनों युक्त दवाओं और क्रीम की तरफ कूच करने के बजाय आयुर्वेदिक नुस्खों को आज़माए।
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