सुंदरनगर, 7 फरवरी : सुंदरनगर के तहत आने वाले महादेव क्षेत्र में शुक्रवार को आईटीआई प्रशिक्षु की करंट लगने से हुई दर्दनाक मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसको लेकर रविवार को टावर लाइन शोषित जागरूकता मंच के द्वारा मंडी जिला के सुंदरनगर में आयोजित प्रेसवार्ता में मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। वही मंच के पदाधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 2 माह के अंदर गैर कानूनी तरीकों से लगाए गए ट्रांसमिशन टावर और लाइनों को हटाया नहीं गया तो इसके खिलाफ किसान आंदोलन की तर्ज पर सुंदरनगर से प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
इसके साथ मंच ने मृतक के परिवार को 5 करोड़ रुपए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी तथा घायल युवक को 2 करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांंग की है। इस अवसर पर टावर लाईन शोषित जागरूकता मंच के राष्ट्रीय संयोजक एडवोकेट रजनीश शर्मा ने कहा कि बिजली उत्पादन से सरकार और कंपनियां अरबों रूपयों का मुनाफा कमाती है। लेकिन बिजली के टावर और ट्रांसमिशन लाईनों को जमीनों और घरों के ऊपर से डालकर गरीबों के साथ धोखा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुंदरनगर के घांघल में निजी आईटीआई में हुआ दर्दनाक हादसा विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते हुए है।
उन्होंने कहा कि पहले भी इसी तरह से प्रदेश में ट्रांसमिशन टावर और लाईनों के द्वारा सैंकड़ों मौतें हो चुकी हैं। रजनीश शर्मा ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान मौजूदा समय में सत्तासीन भाजपा के मेनिफेस्टो में भी सत्ता में आने पर ट्रांसमिशन टावर और लाईनों के खिलाफ कानून बनाने की बात कही थी। लेकिन धरातल पर आज दिन तक इस दिशा में कुछ नहीं हो पाया है।
बता दें कि टावर लाईन शोषित जागरूकता मंच पिछले 7 वर्षों से हिमाचल प्रदेश में बिजली की ट्रांसमिशन लाइनों के कारण लोगों को आने वाली मुश्किलों को लेकर संघर्षरत है। मंच के द्वारा समय-समय पर ट्रांसमिशन लाईनों को बिछाने के दौरान भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को अमल में नहीं लाने पर न्यायालय तक में मामले उठाए गए हैं।